चीन को लगा बड़ा झटका, दूसरा सबसे भारी रॉकेट लॉन्चिंग में हुआ फेल
चीन द्वारा रविवार (02 जुलाई) को दक्षिणी प्रांत हैनान के वेनचांग प्रक्षेपण केंद्र से छोड़े गए रॉकेट लॉन्ग मार्च-5 वाई2 का प्रक्षेपण विफल हो गया है।
बीजिंग: चीन द्वारा रविवार (02 जुलाई) को दक्षिणी प्रांत हैनान के वेनचांग प्रक्षेपण केंद्र से छोड़े गए रॉकेट लॉन्ग मार्च-5 वाई2 का प्रक्षेपण विफल हो गया है। शिजियान-18 उपग्रह के साथ रॉकेट ने रविवार की सुबह 7.23 बजे उड़ान भरी और कुछ दूरी तक सफलतापूर्वक उड़ान भरने के बाद रॉकेट में गड़बड़ी आ गई।
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चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ने शुरुआत में तो रॉकेट के सफल प्रक्षेपण की खबर दी, लेकिन 40 मिनट बाद ही एजेंसी ने प्रक्षेपण के असफल होने की घोषणा की, हालांकि रॉकेट का प्रक्षेपण किन कारणों से असफल रहा, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है।
भारी उपग्रह ले जाने वाला दूसरा रॉकेट
चीन का यह सबसे भारी उपग्रह ले जाने वाला दूसरा रॉकेट था। पांच मीटर व्यास वाले और 57 मीटर लंबे इस विशाल आकार के रॉकेट को 'चबी 5' नाम से पुकारा जा रहा था।
लॉन्ग मार्च-5 श्रृंखला के रॉकेटों की यह आखिरी परीक्षण उड़ान थी, जिसके बाद चीन ने इसी साल चंद्रमा पर अपने खोजी यान चेंज-5 को भेजने का कार्यक्रम बनाया है, जो चंद्रमा से नमूने लेकर लौटेगा।
7.5 टन वजनी शिजियान-18 उपग्रह चीन का अत्याधुनिक प्रायोगिक उपग्रह है और अब तक चीन द्वारा प्रक्षेपित सबसे वजनी उपग्रह था।
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लॉन्ग मार्च-5 रॉकेट ने नवंबर, 2016 में वेनचांग से ही पहली बार उड़ान भरी थी। लॉन्ग मार्च-5 रॉकेट के पिछले संस्करण की अपेक्षा नए रॉकेट की क्षमता दोगुनी थी।
इसकी मदद से 25 टन तक के उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जा सकता है और 14 टन तक के उपग्रहों को पृथ्वी की भूभौतिकी कक्षा में स्थापित किया जा सकता है।
इस रॉकेट में पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने वाले ईंधन का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें केरोसीन, तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सिजन शामिल हैं।
--आईएएनएस