नई दिल्ली: मोदी सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बड़े पैमाने पर पेश करने की तैयारियों में जुटी है। वहीँ, विपक्षी दल इस आयोजन के खिलाफ लामबंद होने लगे हैं। कांग्रेस ने गुरुवार (29 जून) को कहा, कि शनिवार (30 जून) को जीएसटी पर आयोजित संसद के विशेष मध्यरात्रि सत्र में वह शामिल नहीं होगी। पार्टी की ओर से ये बयान सत्यव्रत चतुर्वेदी ने दिया है।
सूत्रों ने कहा, कि कांग्रेस देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के स्वतंत्रता के समय दिए गये 'नियति से किये गये वादे' वाले ऐतिहासिक अवसर का महत्व कम नहीं करना चाहती, इसलिए वह इस प्रकार के किसी कार्यक्रम में भाग लेने को इच्छुक नहीं है।
सीपीएम ने भी उठाए सवाल
दूसरी तरफ,सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी भी जीएसटी लागू करने के मामले में सरकार द्वारा जल्दबाजी दिखाए जाने को लेकर भी सवाल उठाया। कहा, कि 'बीजेपी ने विपक्ष में रहने के दौरान इस प्रणाली का विरोध किया था।'
ममता पहले ही कर चुकी हैं घोषणा
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस ने भी बुधवार को ही घोषणा कर दिया था कि वह इस विशेष संसद सत्र का बहिष्कार करेगी। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार जीएसटी को लागू करने में गैरजरूरी जल्दीबाजी दिखा रही है। ममता की मानें तो जीएसटी को लागू करने के लिए कम से कम छह महीने चाहिए।