केंद्र सरकार के जवाब में कांग्रेस ने पार्टी चंदे में पारदर्शिता पर जारी किए पत्र
नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को 30 मई को लिखा एक पत्र जारी किया, जिसमें चंदा देने वालों और लेने वालों पर पूर्व पारदर्शिता की वकालत की गई है।
कांग्रेस ने यह पत्र ऐसे समय में जारी किया है, जब इसके पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि पार्टी चंदे की स्वच्छता पर किसी भी दल ने कोई सुझाव नहीं दिया है।
कांग्रेस कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा द्वारा लिखे गए पत्र में पार्टी ने राजनीतिक दलों के चंदे में पारदर्शिता को लेकर चिंता जाहिर की है और कहा है कि चंदा देने वालों, लेने वालों और दिए गए चंदे की राशि हर हाल में सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
जेटली ने सोमवार को कहा कि सरकार चुनावी बांड के मुद्दे पर सक्रियता से काम कर रही है, लेकिन कोई भी पार्टी चंदे को स्वच्छ बनाने को लेकर किसी सुझाव के साथ सामने नहीं आई है।
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पत्र में कहा गया है, "यह दो मई को कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे गए आपके पत्र के संदर्भ में है..सरकार राजनीतिक दलों के चुनावी चंदे में पारदर्शिता को लेकर चिंतित है। पारदर्शिता का मतलब यह कि मतदाताओं को यह पता होना चाहिए कि चंदा देने वाला कौन है, चंदा लेने वाली पार्टी कौन है और चंदे की राशि कितनी है।"
वोरा ने पत्र में कहा है कि संसद में जेटली का बजट भाषण संकेत देता है कि इस मुद्दे पर सरकार कोई योजना तैयार करेगी, लेकिन पार्टी को कोई ऐसी योजना नहीं दिखी।
पत्र में कहा गया है, "इसलिए हमारे पास सिर्फ बजट भाषण और अप्रैल में आपके द्वारा मीडिया को दी गई कुछ टिप्पणियां ही हैं। इसके जरिए हम अनुमान लगाते हैं कि चंदा देने वाले का नाम सिर्फ बांड जारी करने वाले बैंक को पता होगा और चंदा लेने वाले का नाम सिर्फ आयकर विभाग को पता होगा।"
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वोरा ने कहा है, "यानी चंदा देने वाले और लेने वाले का नाम सिर्फ सरकार को पता होगा, और जनता को यह बात पता नहीं होगी कि किसने किस पार्टी को कितना चंदा दिया..इससे चुनावी चंदे में पारदर्शिता नहीं आएगी। इसके विपरीत यह एक पूरी तरह अपारदर्शी तंत्र होगा।"
वोरा ने कहा कि कांग्रेस आगे अब तभी टिप्पणी करेगी, जब वह सरकार द्वारा प्रस्तावित योजना का अध्ययन कर लेगी।
इसके जवाब में जेटली ने लिखा है, "मुझे राजनीतिक दलों को चुनावी चंदे में पारदर्शिता के मुद्दे से संबंधित 30 मई को लिखा आपका पत्र प्राप्त हुआ है।"