Bihar Politics: बिहार में राजद और कांग्रेस के बीच बढ़ा टकराव, दो डिप्टी सीएम की मांग पर तेजस्वी यादव भड़के
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन के दो सहयोगी दलों और राजद और कांग्रेस के बीच खींचतान बढ़ती हुई दिख रही है।
Bihar Politics: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं मगर उससे पहले ही इंडिया गठबंधन के दो सहयोगी दलों और राजद और कांग्रेस के बीच खींचतान बढ़ती हुई दिख रही है। कांग्रेस का कहना है कि तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने की स्थिति में पार्टी को डिप्टी सीएम के दो पद दिए जाएं मगर कांग्रेस की ओर से की गई यह मांग तेजस्वी यादव को पसंद नहीं आई है।
इसके साथ ही कांग्रेस की ओर से लोकसभा चुनाव के स्ट्राइक रेट के आधार पर सीटों का बंटवारा करने की डिमांड भी रखी गई है। कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम की इस डिमांड पर तेजस्वी पहले से ही भड़के हुए थे और इस बीच कांग्रेस की ओर से नई डिमांड भी सामने आ गई है। इससे पहले राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव ने इंडिया गठबंधन के नेतृत्व के मुद्दे पर ममता की वकालत करके कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था। माना जा रहा है कि दोनों दलों ने एक-दूसरे पर दबाव बनाने की रणनीति पर अमल शुरू कर दिया है।
कांग्रेस ने मांगा बिहार में दो डिप्टी सीएम पद
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और पार्टी के बिहार सह प्रभारी शाहनवाज आलम का कहना है कि बिहार में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने की स्थिति में कांग्रेस को दो डिप्टी सीएम के पद मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि इनमें से एक डिप्टी सीएम मुस्लिम और दूसरा सामान्य वर्ग से होना चाहिए। जानकारों का मानना है कि आलम ने यह बयान देकर पार्टी का खोया हुआ पारंपरिक जनाधार फिर से खड़ा करने की कोशिश की है।
कांग्रेस की ओर से रखी गई यह मांग राजद नेता तेजस्वी यादव को पसंद नहीं आई है। राजद की ओर से इस डिमांड पर आपत्ति जताई गई है। दरअसल यदि इंडिया गठबंधन ने विधानसभा चुनाव के दौरान जीत हासिल की तो कांग्रेस की यह मांग पूरी करना राजद के लिए आसान नहीं होगा।
इसके साथ ही राजद को कांग्रेस के दबाव का भी सामना करना पड़ेगा। यही कारण है कि कांग्रेस की यह मांग राजद को मंजूर नहीं है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि इस तरह के बयान गठबंधन धर्म का उल्लंघन करते हैं। ऐसे में इस तरह की बेलगाम बयानबाजी पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए।
स्ट्राइक रेट के आधार पर सीट बंटवारे का फॉर्मूला
इससे पहले भी आलम ने एक बड़ा बयान देकर राजद को झटका देने की कोशिश की थी। उनका कहना था कि लोकसभा चुनाव के स्ट्राइक रेट के आधार पर सीट बंटवारे का फॉर्मूला तैयार किया जाना चाहिए। दरअसल लोकसभा चुनाव के दौरान राजद का स्ट्राइक रेट बेहद खराब रहा था। पार्टी ने 23 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ा था मगर पार्टी को सिर्फ चार सीटों पर जीत हासिल हो सकी थी।
दूसरी ओर कांग्रेस ने नौ सीटों पर चुनाव लड़ते हुए तीन सीटों पर जीत हासिल की थी। स्ट्राइक रेट की बात उछालकर कांग्रेस ने यह साबित करने की कोशिश की है कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी का प्रदर्शन राजद से बेहतर रहा है। आलम की ओर से रखी गई इस मांग पर राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव पहले से ही नाराज थे। तभी उन्होंने डिप्टी सीएम संबंधी दूसरा बयान भी दे दिया है।
कांग्रेस को लालू ने दिया बड़ा झटका
सियासी जानकारों का मानना है कि राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव ने इंडिया गठबंधन का नेतृत्व ममता बनर्जी को सौंपने की मांग अनायास नहीं की है। लालू यादव का कहना था कि कांग्रेस के आपत्ति जताने भर से कुछ नहीं होगा। गठबंधन के साथी नेतृत्व में परिवर्तन चाहते हैं और उन्होंने इस बाबत चर्चा भी शुरू कर दी है। लालू यादव का यह बयान बिहार के प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
इसके जरिए उन्होंने कांग्रेस को चुनाव चुनाव से पहले ही बैक फुट पर धकेलने की कोशिश की है। दूसरी ओर कांग्रेस भी राजद के दबाव में बैक फुट पर जाने को तैयार नहीं दिख रही है। ऐसे में दोनों दलों के बीच आने वाले दिनों में टकराव और बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
जदयू और भाजपा ने बोला हमला
कांग्रेस की ओर से राज्य में एक मुस्लिम डिप्टी सीएम की मांग पर जदयू और भाजपा की ओर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। जदयू के विधान परिषद सदस्य खालिद अनवर ने कहा कि मुसलमानों में अपनी पैठ बनाने के लिए कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम ने मुस्लिम डिप्टी सीएम का दांव चला है। कांग्रेस को यह नहीं भूलना चाहिए कि उसके कार्यकाल में ही मेरठ, भागलपुर और जबलपुर में दंगे हुए थे। कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण ही गुलाम नबी आजाद जैसे वरिष्ठ नेता को पार्टी से इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने दावा किया के बिहार में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के दौरान मुसलमानों का रुझान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पक्ष में दिखा है।
भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचोल ने कहा कि कांग्रेस की ओर से मुस्लिम डिप्टी सीएम की मांग तुष्टीकरण के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम पदों के लिए कोई जगह नहीं है। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने रहेंगे और पार्टी की ओर से तय किया जाएगा कि कौन डिप्टी सीएम बनेगा।
एक-दूसरे पर दबाव बनाने की रणनीति
बिहार में राजद और कांग्रेस के बीच शुरू हुई इस खींचतान को एक-दूसरे पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल कांग्रेस की ओर से राजद पर दबाव बनाने की कोशिश की गई है और इसके जरिए पार्टी पिछले चुनाव की अपेक्षा ज्यादा सीटों पर चुनावी मैदान में उतरना चाहती है।
दूसरी ओर लालू की पार्टी भी कांग्रेस की ओर से की जा रही बयानबाजी के बाद सतर्क हो गई है। राजद नेता मुस्लिम वोट बैंक पर अपनी पकड़ बनाए रखते हुए विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं।
राजद नेताओं के भीतर भी मुस्लिम वोट बैंक को लेकर आकर्षण जरूर है मगर पार्टी कांग्रेस की ओर से अपनाई गई दबाव बनाने की रणनीति को समझ गई है। जानकारों का कहना है कि अब यह देखने वाली बात होगी कि दबाव बनाने की इस रणनीति में कौन सा दल भारी साबित होता है।