आरएसएस की टक्कर के लिए कांग्रेस का सेवादल सक्रिय, 2019 में होगा तगड़ा मुकाबला
नई दिल्ली: कांग्रेस ने आरएसएस की टक्कर पर सेवादल को सक्रिय करने का ब्ल्यू प्रिंट बना लिया है। जिसे पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की मजूरी भी मिल गई है। यह रणनीति कामयाब रही तो कांग्रेस बूथ लेवल पर आरएसएस को तगड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है।
�
यह है रणनीति
सेवा दल के मुख्य संघटक लालजी भाई देसाई के अनुसार पहले चरण में देश के 1000 जिलों में महीने के आखिरी रविवार को ध्वजा वंदन कार्यक्रम शुरू होगा। जिसमें महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल के सिद्धांतों पर आधारित राष्ट्रवाद को आम जनता के सामने रखा जाएगा।
संपर्क फॉर समर्थन के तहत सीएम ने की पद्मश्री डॉ. मंसूर हसन से मुलाक़ात
�
पूरे देश में होंगे कार्यक्रम
पर विचार मंथन शुरू होगा। सेवादल कांग्रेस पार्टी से तालमेल के साथ अन्य योजनाएं भी लागू करेगा। अगले तीन महीनों में देश के पूर्वी,पश्चमी,उत्तरी,दक्षणी एवम मध्य क्षेत्रो में सेवादल प्रशिक्षण शिविर आयोजित करेगा। इस अभियान की शुरुआत 11 जून को मणिपुर से की गई है। बहुत ही जल्द कांग्रेस यूथ विंग भी इसे शुरू करेगा।
�
कांग्रेस से ज्यादा सेवादल से घबराते थे अंग्रेज़
एक बार गांधीजी से कहा था कि ‘यदि सेवादल को स्वतंत्र छोड़ दिया गया तो वह हम सबको लील जाएगा’। इसके एक साल बाद ही अंग्रेज़ों ने 1932 में कांग्रेस और सेवादल पर प्रतिबंध लगा दिया। बाद में कांग्रेस से तो प्रतिबंध हटा पर हिंदुस्तानी सेवादल से नहीं। ऐसे समय जब यह महसूस किया जा रहा है कि कांग्रेस अपनी जड़ों से उखड़ गई है और अन्य पार्टियां भी यह महसूस कर रही हैं कि संघ के जैसा ही कैडर आधारित संगठन मुक़ाबले के लिए ज़रूरी है, सेवादल का इतिहास उसे रास्ता दिखा सकता है।
बेंगलुरू कांग्रेस विधायक एन ए हॉरिस के बेटे को मिली जमानत, हमले का था आरोपी
�
आरएसएस बनाम सेवादल
सेवादल और संघ की कहानी भी ‘खरगोश और कछुआ’ जैसी कही जा सकती है। आज़ादी के बाद सेवादल के पास अपना कोई लक्ष्य नहीं रहा। कांग्रेस में यह उपेक्षित हो गया और पिछली पंक्ति में बैठा दिया गया। जबकि, संघ अपने हिंदू राष्ट्र के सपने को साकार करने की दिशा में कछुआ गति से आगे बढता रहा।
�