नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने गौरक्षकों द्वारा की जाने वाली हिंसा पर शीर्ष अदालत के आदेश की अवमानना करने को लेकर महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी की ओर से दायर एक याचिका पर उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरयाणा के मुख्य सचिवों को जवाब दाखिल करने का सोमवार को निर्देश दिया। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने तुषार गांधी की उस याचिका पर तीनों राज्यों को नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने गौरक्षकों की हिंसा कम होने के बजाए कई गुना बढ़ने की ओर इशारा किया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने छह सितंबर, 2017 को गौरक्षा के नाम पर हत्या को रोकने के आदेश दिए थे और केंद्र/कें द्र शासित प्रदेशों में इस तरह के हमले रोकने और हिंसा करने वालों के खिलाफ जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए थे।
अदालत ने गौरक्षा के नाम पर हमले को 'जायज' नहीं ठहराया था और कहा था कि 'इसके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की जरूरत है।'
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अदालत ने राज्य सचिवों को पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) के साथ मिलकर इन दलों को पकड़ने के भी आदेश दिए थे।
अदालत ने छह सितंबर को अपने आदेश में कहा था, "जहां तक राजमार्गो पर गश्त लगाने का सवाल है, सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को डीआईजी के साथ मिलकर कदम उठाना चाहिए और मामले की अगली सुनवाई पर शपथ पत्र दाखिल करना चाहिए।"
अदालत ने कहा था कि इस तरह की ज्यादातर घटनाएं राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गो पर हो रही हैं।