सहारनपुर: विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी कर कहा है कि मुसलमानों का भारत माता की जय बोलना गलत है। वो खुद को इस नारे से दूर रखें।
दारुल उलूम के मुफ्ती-ए-कराम के पैनल में शामिल मुफ्ती-ए-आजम मौलाना मुफ्ती हबीबुर्रहमान, मुफ्ती महमूदउल हसन बुलंदशहरी और मुफ्ती वकार समेत अन्य मुफ्ती-ए-कराम ने फतवा जारी किया है।
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'भारत से मोहब्बत, लेकिन नहीं कर सकते पूजा'
-मुफ्ती-ए-कराम ने कहा- बिला शुबाह भारत हमारा वतन है और हमारे बाब-ओ-अजदाज यहीं पैदा हुए हैं।
-हम औरों की तरह ही मुल्क से प्यार और मोहब्बत करते हैं। लेकिन वतन को अपना माबूद नहीं मान सकते। यानी की मुल्क की पूजा नहीं कर सकते।
-इस नारे में हिंदुस्तान को देवी के अकीदा समझा गया है जो कि इस्लाम मजहब के मानने वालो के लिए शिर्क (अल्लाह के सिवा किसी और की इबादत करना) है।
ना करे कोई मजबूर
हजारों लोगों ने लिखा था लेटर
-आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और असदुद्दीन ओवैसी के बयानों के बाद भारत माता की जय को लेकर बहस तेज हो गई।
-इसको लेकर दारुल उलूम के मुफ्तियों के पास हजारों की तादात में लेटर आए।
-सभी दारुल उलूम का रुख जानना चाहते थे कि क्या मुसलमान भारतमाता की जय के नारे लगा सकता हैं या नहीं?