नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) मुद्दे पर चुनाव आयोग 12 मई को दिल्ली में सभी राजनीतिक पार्टियों की बैठक बुलाएगा। इस बैठक में ईवीएम को लेकर कुछ पार्टियों की ओर से जताई जा रही आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की जाएगी।
गौरतलब है कि पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव और हाल में डीएमसी चुनाव में कई पार्टियों ने ईवीएम से छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया था। आम आदमी पार्टी (आप), कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा) आदि ने ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए पेपर बैलट से चुनाव कराने की मांग की थी। हालांकि, बीजेपी ने इसे विधानसभा चुनाव में पार्टियों को मिली हार की खीझ करार दिया था।
वीवीपीएटी पर जोर
बता दें, कि चुनाव आयोग का मकसद आने वाले चुनावों में वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का उपयोग कर चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाना है। गौरतलब है, कि वीवीपीएटी से एक पर्ची निकलती है जिसे देखकर मतदाता यह सत्यापित करता है कि ईवीएम में उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है जिसके नाम के आगे का उसने बटन दबाया है।
आयोग देगा हैक करने की चुनौती
गौरतलब है कि चुनाव आयोग पार्टियों की आशंका दूर करने के सिलसिले में एक चुनौती का आयोजन करने भी जा रहा है। इसमें पार्टियों से कहा जाएगा कि वे ईवीएम को हैक करके दिखाएं।