GST बिल को लेकर सरकार तैयार, सोमवार को राज्यसभा में हो सकता है पेश

Update:2016-07-20 21:08 IST

नई दिल्ली: देश में एक समान टैक्स व्यवस्था लागू करने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक को मोदी सरकार ने आगामी सोमवार को राज्यसभा में पेश करने का फैसला कर लिया है। संसद की कार्यमंत्रणा समिति ने इस पर चर्चा के लिए पांच घंटे का समय आवंटित कर दिया है। राज्यसभा में इस संशोधित विधेयक पर चर्चा के पहले कांग्रेस को मनाने की मोदी सरकार की कोशिशें नाकाम हो गई हैं।

सरकार के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कांग्रेस के जीएसटी विरोधी रुख पर जिस तरह से टिप्पणी की है उसे मोदी सरकार के सियासी प्रबंधकों की बांछे खिल गई हैं। नीतीश के वित्त मंत्री अरुण जेटली से अच्छे रिश्ते हैं और बिहार की लंबित आर्थिक मांगों को लेकर जेटली से राज्य की जरूरतों पर समुचित ध्यान देने का वादा किया गया है।

जीएसटी पर कांग्रेस से समर्थन मिलने की मोदी सरकार की उम्मीदें धूल में मिलती नजर आ रही हैं। कांग्रेस ने दो टूक कह दिया है कि देश भर में 18 फीसदी टैक्स की अधिकतम सीमा सुनिश्चित करने की मांग पर वह बिलकुल भी टस से मस नहीं होगी। जिन प्रदेशों को जीएसटी आने के बाद टैक्स का नुकसान होगा, उन्हें एक प्रतिशत की टैक्स लैवी की छूट की मांग को भी कांग्रेस ने पूरी तरह खारिज कर दिया है।

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केंद्र और राज्यों के बीच जीएसटी प्रणाली पर भविष्य में कोई विवाद होने पर एक स्वतंत्र पंचाट बनाने की व्यवस्था भी विधेयक में सुनिश्चित करने को लेकर भी कांग्रेस पूरी तरह डटी हुई है। जबकि केंद्र सरकार इन सारे मामलों पर कांग्रेस से पीछे हटने का आग्रह कर रही है।

सरकार और कांग्रेस के बीच तल्ख रिश्तों की वजह से भी जीएसटी पर सरकार और कांग्रेस के बीच खटास बढ़ रही है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से मोदी सरकार ने जीएसटी पर कांग्रेस के अलग-थलग करने के लिए पूरी ताकत लगाई है।

सरकार कांग्रेस को और अलग-थलग करने के लिए जीएसटी पर सर्वदलीय बैठक बुलाकर कांग्रेस की रणनीति को और कमजोर करना चाह रही थी लेकिन सरकार को कांग्रेस के रुख से यह भनक लगी कि यदि उसने इस तरह का कदम उठाया तो कांग्रेस को बातचीत प्रकिया में बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा।

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बुधवार को राज्यसभा में दलितों पर हमलों और मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणियों ने राज्यसभा में कामकाज बाधित रहने के आसार बढ़ गए हैं। कांग्रेस ने गुजरात समेत देश के कई हिस्सों में दलितों पर बढ़ रहे हमलों और अत्याचारों की घटनाओं को लेकर गुरुवार से मोदी सरकार के प्रति अक्रामक रुख अपनाने का फैसला कर लिया है, इसलिए इस सप्ताह के अंत तक संसद के दोनों सदनों के कामकाज में बाधा पड़ना तय माना जा रहा है।

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