कोलकाता : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने केंद्र के वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) और नोटबंदी के कदम की सराहना करते हुए शनिवार को कहा कि दोनों कदम आम लोगों को फायदा पहुंचाने और भारतीय अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने के उद्देश्य से उठाए गए थे। अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन(एएपीआई) द्वारा आयोजित 11वें ग्लोबल हेल्थकेयर शिखर सम्मेलन में नायडू ने कहा, "जीएसटी से शुरुआत में लोगों को कुछ दिक्कतें हुईं, लेकिन व्यापक परिप्रेक्ष्य में जीएसटी भारतीय बैंकिंग प्रणाली को बदलने वाला है।"
नायडू ने यह भी कहा कि आठ नवंबर, 2016 के नोटबंदी के कदम की कुछ लोगों ने आलोचना की थी, लेकिन नोटबंदी से यह सुनिश्चित हुआ कि जितनी भी अघोषित नकदी है, वह बैंकों में आ सके।
ये भी देखें :जीएसटी के कारण 2017 अर्थव्यवस्था के लिए रहा महत्वपूर्ण
उन्होंने कहा, "मैं नोटबंदी या पुनर्मुद्रीकरण के बारे में एक चीज बोल सकता हूं कि जो पैसे बिछावन के नीचे या बाथरूम के नीचे छिपाए गए थे, वे बैंकों में वापस आ गए। पैसे अपने पते के साथ बैंकों में आ गए। अब यह भारतीय रिजर्व बैंक को निर्णय लेना है कि इसमें से कितना काला धन है या कितना सफेद धन है।"
उपराष्ट्रपति ने नोटबंदी के दौरान लोगों को हुई तकलीफ सहने की भी सराहना की और इसे 'दीर्घकालिक फायदे के लिए अल्पकालिक दर्द बताया।'
उन्होंने कहा, "आम लोगों को काफी समझ है। वे इसका महत्व समझते थे। नहीं तो अपने पैसे के लिए 51 दिनों तक कतार में खड़े रहना कोई मजाक नहीं है। व्यवस्था में कुछ भी सुधार आम लोगों की भलाई के लिए है।"