अहमदाबाद : गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार पर 14 साल बाद गुरुवार को आए विशेष अदालत के फैसले से कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी नाखुश हैं। उनका कहना है कि 14 साल की लंबी लड़ाई के बाद आए अदालत के फैसले निराश करने वाले हैं। अभी उन्हें 15 साल और इसके लिए लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि वे विशेष अदालत के फैसले को उच्च अदालत में चुनौती देंगी। गुलबर्ग नरसंहार में पूर्व सांसद एहसान जाफरी की मौत हो गई थी।
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दूसरी तरफ कांग्रेस ने अदालत के फैसले पर खुशी जाहिर की है। कांग्रेस प्रवक्ता टाम वड़क्कल ने कहा कि गुलबर्ग सोसायटी का मामला लंबे समय से चल रहा है। हालांकि अभी अदालत का फैसला पढ़ा नहीं है, लेकिन उम्मीद है कि इसमें न्याय मिलेगा। अदालत इस मामले में 6 जून को सजा सुनाएगी।
विशेष अदालत ने 11 आरोपियों को हत्या और 13 को लूट , आगजनी समेत अन्य अपराध में दोषी माना है। इस मामले में कुल 67 लोग अभियुक्त बनाए गए थे जिसमें एक अभी तक फरार है। ट्रायल के दौरान 6 की मौत हो गई थी जबकि 36 को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया है। बरी होने वालों में बीजेपी के पार्षद विपिन पटेल भी हैं। दोषी पाए गए लोगों में विश्व हिंदु परिषद के नेता अतुल और कांग्रेस के पार्षद मेघसिंह हैं ।