गाजियाबाद: यूपी के सीनियर आईएएस ऑफिसर राजीव कुमार ने नोएडा जमीन आवंटन मामले में सोमवार को सीबीआई की विशेष कोर्ट में सरेंडर कर दिया है।
राजीव कुमार 1983 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं। उन पर नोएडा प्राधिकरण के एडिशनल सीईओ रहते हुए गलत तरीके से जमीन के आवंटन का आरोप है। इस मामले में तत्कालीन सीईओ नीरा यादव भी जेल में हैं।
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क्या है मामला ?
-राजीव कुमार ने गलत तरीके से पॉश इलाकों में शामिल सेक्टर-14ए में एक गेस्ट हाउस के लैंड यूज को बदलकर उसे रेजीडेंशियल करवाया था।
-जिसे नोएडा प्राधिकरण की पूर्व चेयरमैन और पूर्व सीनियर आईएएस ऑफिसर नीरा यादव ने अप्रूव किया था।
-इसके अलावा उस रेजीडेंशियल इलाके में ग्रीन बेल्ट की 1.5 वर्ग मीटर अतिरिक्त जमीन को भी शामिल किया गया था।
-सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक सितंबर 1994 में राजीव कुमार नोएडा अथॉरिटी के तत्कालीन डिप्टी सीईओ और नीरा यादव सीईओ थी।
साल 2002 में सीबीआई ने दाखिल की थी चार्जशीट
-नोएडा की चेयरमैन रही नीरा यादव ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए अपने परिवार के लोगों को रेजीडेंशियल प्लाट आवंटित किए थे।
-इसके अलावा राजीव कुमार प्रिंसिपल सेकेट्री (नियुक्ति) ने गेस्ट हाउस के लिए लैंड यूज को चेंज कर उसे रेजीडेंशियल किया था।
-इस मामले की जांच सीबीआई के पास आने के बाद साल 2002 में चार्जशीट दाखिल की गई।
-सीबीआई की कोर्ट ने दोनों को दोषी ठहराया था।
तीन-तीन साल काटेंगे जेल में
-राजीव कुमार के सरेंडर के बाद कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया है।
-इस दौरान उनके साथ उनके वकील भी मौजूद थे।
-बता दें, कि इस मामले में नीरा यादव पहले ही सरेंडर कर जेल जा चुकी हैं।
-नोएडा प्लाट आवंटन घोटाले में सीबीआई ने दोनों को दोषी करार देते हुए नीरा यादव और राजीव कुमार को 3-3 साल की सजा सुनाई है।
हाईकोर्ट ने की याचिका खारिज
-सजा को लेकर दोनों दोषियों ने हाईकोर्ट में अपील की थी।
-हाईकोर्ट ने उनकी याचिका 25 फरवरी को खारिज कर दी थी।
-इसके बाद नीरा यादव ने 14 मार्च को सीबीआई कोर्ट में सरेंडर कर दिया और उन्हें जेल भेज दिया गया।
-जबकि दूसरे दोषी राजीव कुमार सुप्रीम कोर्ट चले गए।
-28 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार को सरेंडर करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया था।
-चूंकि सुप्रीम कोर्ट द्बारा निर्धारित किया गया समय खत्म होने वाला है।
-इसलिए सोमवार को राजीव कुमार अपने वकील के साथ सीबीआई कोर्ट पहुंचे और सरेंडर कर दिया।
क्या कहती है पहली चार्जशीट
-पहली चार्जशीट में राजीव कुमार पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने नोएडा अथॉरिटी में डिप्टी सीईओ पद पर रहते हुए सीईओ नीरा यादव के सहयोग से सेक्टर-51 में 450 वर्ग मीटर की एक जमीन आवंटित कराई थी।
-जिसे बाद में सेक्टर-44 ए में चेंज कर दिया गया था।
-उसके बाद इसे सेक्टर-14 ए में चेंज करा दिया गया और उसका साइज 300 वर्ग मीटर कर दिया गया।
-जमीन के पास में 105 वर्ग मीटर खाली पड़ी ग्रीन बेल्ट को भी जमीन में शामिल कर लिया गया था।
क्या कहती है दूसरी चार्जशीट
-दूसरी चार्जशीट में नीरा यादव पर उनकी दो बेटियों को नियमों की अनदेखी कर जमीन आवंटित करने का आरोप है।
-चार्जशीट में कहा गया था कि नीरा ने अपनी बेटी संस्कृति और सुरुचि के नाम पर दो दुकानों का आवंटन किया था।
-उसके बाद उसी आधार पर सेक्टर-44 में रेजीडेंशियल जमीन आवंटित कर दी गई थी।
-उनकी एक बेटी संस्कृति विदेश में थी और दूसरी बेटी सुरुचि दिल्ली के किरोड़ी मल में शिक्षा ग्रहण कर रही थी।
-जबकि एक जमीन को नीरा यादव ने सेक्टर-14 ए में आवंटित कराया था।