लखनऊ: आबादी के लिहाज से सबसे बडे़ राज्य उत्तर प्रदेश में देश की पहली रैपिड रेल आ रही है। एनसीआर के मद्देनजर शुरू होने वाली इस परियोजना के पहले चरण में ये ट्रेन दिल्ली से मेरठ कॉरीडोर के बीच चलेगी। आगामी 2019 चुनाव को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार इसे हरी झंडी देने को तैयार है। इस कॉरीडोर के शुरू होने से मेरठ व गाजियाबाद से दिल्ली जाने वालों को खासी राहत मिलेगी। उनके धन व समय दोनों की बचत होगी। इस बाबत उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय की एनसीआरटीसी व मेट्रो के अधिकारियों से गुरूवार को मुलाकात हुई।
पहले चरण में दिल्ली से मेरठ दौड़ेगी ट्रेन
आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर केन्द्र सरकार लोगों को सहूलियत देने वाली परियोजना को लेकर गंभीर है। इनमें से एक रैपिड रेल परियोजना को भी मंजूरी देने की तैयारी ने जोर पकड़ लिया है। रैपिड रेल के पहले चरण में दिल्ली व मेरठ को जोड़ने वाले कॉरीडोर को शुरू किया जाएगा। प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने मुताबिक, इस दौरान एनसीआरटीसी व मेट्रो रेल कारपोरेशन के अधिकारियों को लखनऊ में आमंत्रित किया है।
ट्रैफिक जाम से मिलेगी निजात
जानकारों को उम्मीद है कि रैपिड रेल के शुरू होने से एनसीआर के निवासियों को ट्रैफिक जाम से खासी राहत मिलेगी। एनसीआर के 58 हजार स्क्वायर किमी में चार करोड़ 60 लाख लोग रहते हैं। इसमें से 39 प्रतिशत लोग ही केवल दिल्ली में रहते हैं। विशेषज्ञों को मानना है कि रैपिड रेल यात्रियों के समय व धन दोनों की बचत करेगी। साथ ही यह पर्यावरण के लिए भी अच्छी होगी। इस कॉरीडोर की पूरी रिपोर्ट को पहले ही तैयार कर लिया गया है। बीती एक जुलाई से काम भी शुरू होना था, लेकिन कुछ वजहों से न हो सका। हालांकि गाजियाबाद में दुहाई से साहिबाबाद सड़क के चौड़ीकरण का काम चल रहा है। काम को लेकर तेजी से टेंडर प्रक्रिया जारी है।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि केन्द्र की ओर से उन सभी प्रोजेक्टों को चिन्हित कर लिया गया है जिन्हें आगामी कुछ माह में शुरू किया जा सकता है। इसी कड़ी में इसी वर्ष रैपिड रेल प्रोजेक्ट को भी शुरू करने की तैयारी चल रही है।
एक ही ट्रैक पर मेट्रो और रैपिड रेल
मेरठ में तीन स्टेशनों के बीच मेट्रो व रैपिड रेल एक ही ट्रैक पर चलेगी। इस वजह से सरकार के 6300 करोड़ रुपए बच गए हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि रैपिड रेल महज आवागमन को ही आसान हीं बना रही बल्कि इसके शुरू होने से सड़कों भार कम होगा। यात्री कम समय व सस्ते किराये से अपनी सुगम यात्रा पूरी कर सकेंगे। जहां-जहां से ये ट्रेन गुजरेगी, उस क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा। स्वास्थ्य व शिक्षा के नजरिये से भी लोगों को लाभ होगा।
ये है रैपिड रेल की खासियत
इस परियोजना से जुड़े अधिकारी ने बताया कि रैपिड रेल की सर्वाधिक गति 180 किमी प्रति घंटा होती है। इतना ही नहीं रैपिड रेल की औसत गति 100 किमी प्रति घंटा होती है। इसके फर्स्ट फेज में रैपिड रेल को दिल्ली से मेरठ के बीच चलाया जाएगा। इस दौरान रैपिड रेल 82 किमी के दिल्ली से मेरठ कॉरीडोर पर 55 मिनट में सफर को पूरा कर लेगी। ये दिल्ली के सरायं काले खां से मोदीपुरम स्टेशन के बीच चलेगी। इस सफर में कुल 24 स्टेशन होंगे। मेरठ में मेट्रो और रैपिड रेल एक ही ट्रैक पर चलेंगी। पैसेंजर्स एक ही स्टेशन पर रैपिड और मेट्रो ट्रेन बदल सकेंगे।