नई दिल्ली : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद के बाद उनके बेटे तेजस्वी यादव भी मंगलवार को एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए। राजद के दोनों नेताओं को आईआरसीटीसी के दो होटलों का ठेका 2006 में एक निजी कंपनी को देने में हुई कथित अनियमितता को लेकर सम्मन किया गया था।
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तेजस्वी के वकील ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दिए एक पत्र में जांच में शामिल होने के लिए 15 दिनों की मोहलत मांगी है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, "तेजस्वी के वकील ने हमें एक पत्र सौंपा है, जिसमें आईआरसीटीसी मामले में जांचकर्ताओं के समक्ष पेश होने के लिए दो सप्ताह की मोहलत मांगी है।"
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तेजस्वी ने कुछ व्यक्तिगत व राजनीतिक व्यस्तताओं को कारण बताते हुए जांचकर्ताओं के समक्ष पेश नहीं होने की बात कही है।
यह दूसरी बार है, जब तेजस्वी सीबीआई के समक्ष पेश नहीं हुए हैं।
तेजस्वी ने पिता लालू प्रसाद का अनुसरण किया है। लालू ने सोमवार को अपने वकील के माध्यम से एक पत्र भेजकर एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा था।
पिता व बेटे को सीबीआई ने 22 सितंबर को सम्मन जारी कर क्रमश: 25 व 26 सितंबर को पेश होकर एजेंसी की जांच में सहयोग करने को कहा था।
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इससे पहले सीबीआई ने राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख व उनके बेटे व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री को सात सितंबर को सम्मन जारी कर दक्षिणी दिल्ली के लोधी रोड स्थित एजेंसी के मुख्यालय में क्रमश: 11 सितंबर व 12 सितंबर को पेश होने को कहा था।
सीबीआई ने लालू प्रसाद के 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहने के दौरान कथित अनियमितताओं को लेकर पांच जुलाई को लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी व तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज किया था।
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सीबीआई ने कहा कि इंडियन रेलवे कैटरिंग व टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) के रांची व पुरी के दो होटलों के ठेके सुजाता होटल्स कंपनी के मालिक विजय व विनय कोचर को कथित तौर पर बिहार में एक प्रमुख जगह पर जमीन की रिश्वत दिए जाने के बदले सौंप दिए गए थे।