नई दिल्लीः यूपीए सरकार के दौरान एडिशनल सॉलीसिटर जनरल रहीं मशहूर वकील इंदिरा जयसिंह के एनजीओ लॉयर्स कलेक्टिव का लाइसेंस केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छह महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है। एनजीओ पर विदेशी मुद्रा नियमन कानून (एफसीआरए) के उल्लंघन का आरोप है। इंदिरा ने इसे बदले की भावना से की गई कार्रवाई करार दिया है।
क्या है एनजीओ पर आरोप?
-गृह मंत्रालय के मुताबिक एनजीओ ने विदेश से मिले धन का गलत इस्तेमाल किया।
-राजनीतिक इरादे से धरने और प्रदर्शनों पर धन का इस्तेमाल किया, जो एफसीआरए का उल्लंघन है।
-इंदिरा जुलाई 2009 से 5 मई 2014 तक एडिशनल सॉलीसिटर जनरल थीं।
-इस दौरान एनजीओ से इंदिरा को 81 लाख से ज्यादा रकम दी गई। केंद्र ने उन्हें 96 लाख से ज्यादा दिए।
-गृह मंत्रालय ने पूछा है कि इंदिरा को आखिर एनजीओ ने उस दौरान रकम क्यों दी थी।
क्या कहना है एनजीओ और इंदिरा का?
-एनजीओ ने कहा कि इंदिरा जयसिंह को 2009 में रकम दी गई थी।
-उस दौरान एफसीआरए लागू न होने की दलील दी गई है।
-इंदिरा जयसिंह ने इसे बदले की भावना से कार्रवाई करार दिया है।
-वह इस मामले को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटा सकती हैं।
-एनजीओ की ओर से पहले मिले जवाब को केंद्र सरकार ने मानने से इनकार कर दिया है।