मालेगांव ब्लास्ट केस: 9 साल बाद जेल से रिहा हुए कर्नल पुरोहित
महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (21 अगस्त) को सशर्त जमानत दे दी।
मुंबई: महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (21 अगस्त) को सशर्त जमानत दे दी थी। जिसके बाद बुधवार (23 अगस्त) को वह नवीं मुंबई की तलोजा जेल से रिहा हो गए। उनको लेने के लिए सेना के कई अधिकारी जेल में पहुंचे थे। पुरोहित जेल से बाहर आते ही सेना की अपनी यूनिट को रिपोर्ट करेंगे। फिलहाल अभी कर्नल पुरोहित सेना की कस्टडी (ओपन अरेस्ट) में ही रहेंगे। बता दें, कि कर्नल पुरोहित जेल से रिहा जरुर हो गए हैं, लेकिन उनपर केस चलता रहेगा। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के जमानत न देने के ऑर्डर को खारिज कर दिया था। लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित नौ साल से जेल में बंद थे।
कर्नल पुरोहित को क्यों ले गई सेना ?
-सेना ने अभी तक कर्नल पुरोहित का निलंबन रद्द नहीं किया है।
-जमानत पर कोर्ट का आदेश पढ़ने के बाद ही उनका निलंबन रद्द किया जाएगा।
-निलंबन रद्द होने के बाद ही पुरोहित कर्नल के पद पर फिर से बहाल होंगे।
-मालेगांव बलास्ट में नाम आने के बाद से कर्नल पुरोहित सेना से सस्पेंड थे।
-कर्नल फिलहाल सेना की हिरासत में रहेंगे।
क्या है मामला ?
-29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मुस्लिम बहुल शहर मालेगांव में बम धमाका हुआ था।
-इसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 घायल हो गए थे।
-इस मामले में साध्वी प्रज्ञा और पुरोहित सहित 12 लोग गिरफ्तार किए गए थे।
-साध्वी प्रज्ञा समेत 7 को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
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क्या कहा था कर्नल पुरोहित ने ?
मंगलवार को कर्नल पुरोहित ने कहा था कि वह बाहर आने पर काफी खुश हैं। वह आगे भी देश की सेवा करना चाहते हैं। बाहर आने के बाद वह पुणे अपने घर जाएंगे। जहां वे अपने परिवार और पालतू कुत्ते से मिलेंगे।
मालेगांव ब्लास्ट मामले में ही आरोपी प्रज्ञा ठाकुर और उनके छह सहयोगियों को इसी साल अप्रैल में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी। प्रज्ञा ठाकुर को 5 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी गई थी। उस वक्त कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया साध्वी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता।
कोर्ट ने यह भी कहा था कि साध्वी प्रज्ञा एक महिला हैं और 8 साल से ज्यादा समय से जेल में हैं। उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है और वह काफी कमजोर हो गई हैं, बिना सहारे चलने में भी असमर्थ हैं।
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने पिछले साल जून में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और कर्नल पुरोहित की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। साध्वी प्रज्ञा ने अपनी याचिका में कहा था कि एनआईए द्वारा जुटाए गए सबूतों के अनुसार उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता।