टीपू सुल्तान के खिलाफ BJP : मंत्री ने कहा- कट्टरपंथी मास रेपिस्ट

Update: 2017-10-21 10:34 GMT

नई दिल्ली : कर्नाटक सरकार 2015 से टीपू सुल्तान की जयंती मना रही है। इसके बाद हर साल राज्य में इसका विरोध होता आ रहा है। सरकार 10 नवंबर को टीपू सुल्तान की जयंती का आयोजन करती है

टीपू की जयंती इसबार भी धूमधाम से मनाने की तैयारी चल रही है। केंद्रीय कौशल विकास राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े को भी बुलावा आया लेकिन उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों से कहा कि इस आयोजन में उन्हें शामिल ना किया जाए।

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हेगड़े ने अधिकारियों को लिखे पत्र को ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा, मैंने कर्नाटक सरकार को एक ऐसे बर्बर हत्यारे, कट्टरपंथी और मास रेपिस्ट का महिमामंडन के लिए आयोजित होने वाली जयंती कार्यक्रम में मुझे नहीं बुलाने के बारे में बता दिया है।



इसपर सीएम सिद्धारमैया कहा केंद्रीय मंत्री होने के नाते उन्हें इस तरह की टिप्पणी और पत्र नहीं लिखना चाहिए था। उन्होंने बताया कि टीपू सुल्तान जयंती कार्यक्रम में राज्य के सभी मंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और अन्य गणमान्यों को पत्र भेजा जाता है, समारोह में शामिल होना या न होना उनकी मर्जी पर निर्भर करता है।

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सीएम ने कहा है कि इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। टीपू सुल्तान ने अंग्रेजों के खिलाफ चार युद्ध लड़े थे।

आपको बता दें, 2015 में भी टीपू की जयंती पर विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था जिसमें विश्व हिंदू परिषद के एक नेता की जान तक चली गई थी और कई घायल हुए थे।

कौन है टीपू

वो 18वीं शताब्दी में मैसूर का शासक था। टीपू ने अंग्रेजों से कई युद्ध लडे, राज्य सरकार उसे स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर सम्मान देती है जबकि उसके शासन को लेकर कई तरह के मतभेद हैं।

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