माेदी सरकार ने पासपोर्ट में दी ढील, संन्यासियों के लिए गुरु का नाम भी मान्‍य

Update:2016-12-24 09:54 IST

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने पासपोर्ट के नियमों को आसान कर राहत दी है। अब पासपोर्ट आवेदन के लिए जन्म प्रमाणपत्र बनाने के लिए किसी को सरकारी दफ्तरों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। आधार कार्ड को ही जन्म प्रमाणपत्र के लिए वैध दस्तावेज मान लिया जाएगा। साधु सन्यासियों को अभिभावक की जगह उनके आध्यात्मिक गुरु का नाम लिखने की छूट दे दी गई है।

वीके सिंह ने किया ऐलान

विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने शनिवार (24 दिसंबर) को इसका ऐलान किया। सिंह ने कहा कि पासपोर्ट के मामले में प्रक्रिया को तेज करने, उदार बनाने और सरल बनाने के लिए विदेश मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं, जिनसे देश के नागरिकों को पासपोर्ट के लिए आवेदन करने में आसानी हो सकती है।

येे हुए बदलाव

-साधु-संन्‍यासियों को माता-पिता की जगह गुरु का नाम देने की छूट दे दी गई है।

-शादीशुदा आवेदकों को अपने विवाह प्रमाणपत्र देने की कोई आवश्‍यकता नहीं है।

-तलाकशुदा आवेदकों के लिए पूर्व पति या पत्‍नी का नाम बताना जरूरी नहीं है।

-अविवाहित मां के बच्‍चों के लिए पासपोर्ट बनाने का नियम भी आसान।

-कई तरह के दस्‍तावेजों को जन्‍म प्रमाणपत्र के तौर पर मिली मान्‍यता।

-आधार और पैन कार्ड समेत कई दस्‍तावेज माने जाएंगे जन्‍म प्रमाणपत्र।

-एकल अभिभावक के बच्‍चे को भी मिलेगा पासपोर्ट।

जन्‍म प्रमाणपत्र के रूप में ये कागज होंगे मान्‍य

पासपोर्ट के साथ पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पेंशन आॅॅर्डर, ड्राइविंग लाइसेंस और एलआइसी बांड में लिखित जन्‍मदिन को जन्‍म प्रमाणपत्र मान लिया जाएगा ।

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