वाराणसी: देश भर के दिव्यांगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार लगातार नई योजनाएं ला रही है। इसी दिशा में मोदी सरकार ने यूनिक पहचान पत्र जारी करने का निर्णय लिया है। इस पहचान पत्र के जरिए दिव्यांगों को रेल यात्राओं में विशेष सुविधाएं मिलेंगी।
ये जानकारी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी पहुंचे समाज कल्याण एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुख्य आयुक्त ने दी। उन्होंने बताया कि सरकार जल्द ही दिव्यांगों को यूनिक पहचान पत्र जारी करेगी जो उन्हें तमाम सरकारी सुविधाएं दिलाने में मदद करेगी।
ट्रेन में लगेगी अतिरिक्त बोगी
-कमलेश कुमार रविवार को सर्किट हाउस में मीडिया से बात कर रहे थे।
-उन्होंने बताया, ट्रेन में अभी दिव्यांगों के लिए एक ही बोगी रिज़र्व होती है।
-शीघ्र ही ट्रेन के इंजन के बाद एक बोगी और अंत में गार्ड की बोगी के पास एक बोगी लगेगी।
-प्लेटफार्म से ट्रेेन पर चढ़ने के लिए रैंप की व्यवस्था होगी ताकि बोगी में आसानी से दिव्यांग प्रवेश कर सके।
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मानसून सत्र में पेश होगा बिल
-डॉ. कमलेश ने बताया कि आगामी मानसून सत्र में दिव्यांगों के लिए संशोधित बिल पेश किया जाएगा।
-बिल पास होने के साथ ही दिव्यांगो को तमाम सुविधाओं का लाभ मिलने लगेगा।
-रेलवे में अभी तक दिव्यांगों की स्थिति के आधार पर आरक्षण होता था।
दिव्यांग दे सकते हैं ऑनलाइन शिकायतें
-दिव्यांगों की समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के लिए मोबाइल कोर्ट भी शुरू किया गया है।
-दिव्यांग अब विभाग की वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन शिकायतें भी दर्ज करा सकते हैं।
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18 साल में दर्ज हुई 98 हजार शिकायतें
-मुख्य आयुक्त डॉ. कमलेश कुमार ने बताया कि विभाग में 1998 से अब तक 98 हजार से अधिक दिव्यांगों की शिकायतें दर्ज हुई हैं।
-अब तक महज 28 हजार मामले का ही निबटारा हो सका है।
धांधली पर नकेल कसने की तैयारी
-डॉ. कमलेश के मुताबिक अभी तक दिव्यांगों के लिए उपकरणों के वितरण का 90 प्रतिशत संस्थाएं करती थीं।
-दस प्रतिशत उपकरणों का वितरण सीधे तौर पर सरकार की ओर से किया जाता था।
-वितरण में धांधली की शिकायतों की वजह से सरकार ने अब स्वयं ही उपकरण बांटने का निर्णय लिया है।
-लिहाजा अब सरकार 90 फीसद उपकरण का वितरण करेगी और दस प्रतिशत संस्थाओं के माध्यम से होगा।
समाज कल्याण एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुख्य आयुक्त डॉ. कमलेश कुमार पांडेय ने बताया कि देशभर में 1850 कैंप लगाकर साढ़े तीन लाख दिव्यांगों को उपकरण बांटे गए हैं। इस काम में अब तक 225 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई है।