नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की देशभर में भले ही आलोचना हो रही हो, लेकिन दुनिया की कई एजेंसियों ने इसकी जमकर तारीफ की है। इसी कड़ी में अब ग्लोबल रेटिंग्स एजेंसी 'मूडीज' ने 13 साल बाद भारत की रेटिंग सुधार की है।
अमेरिकी रेटिंग्स एजेंसी मूडीज ने शुक्रवार (17 नवंबर) को भारत की सॉवरन क्रेडिट रेटिंग्स को एक पायदान ऊपर कर दिया। एजेंसी ने स्टेबल आउटलुक देते हुए भारत की रेटिंग 'Baa2' कर दी है। इससे पहले साल 2004 में भारत की रेटिंग 'Baa3' की गई थी।
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जानें क्या है इसका मतलब?
आर्थिक विश्लेषकों की मानें तो 'BAA3' रेटिंग का मतलब होता था, सबसे कम निवेश वाली स्थिति का होना। इसका सीधा मतलब है कि अब मूडीज के अनुसार भारत में निवेश के माहौल में सुधार हुआ है। इसी के तहत रेटिंग को 'BAA3' से 'BAA2' किया गया है।
सरकारी कर्ज को कम करने के लिए उठाए कदम
मूडीज ने अपने बयान में कहा है, कि 'रेटिंग में सुधार देश की सरकार द्वारा लिए जा रहे फैसलों, उनका अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर आदि को आधार बनाकर लिया जाता है।' रेटिंग एजेंसी ने कहा, कि 'भारत ने पिछले कुछ समय में इन कदमों को उठाया है। केंद्र की मोदी सरकार सरकारी कर्ज को भी कम करने की ओर कदम उठा रही है।'
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सावधान भी किया
'इकोनॉमिक टाइम्स' की खबर के अनुसार, साल 2015 में भारत का रेटिंग्स आउटलुक 'स्थिर' से 'सकारात्मक' कर दिया गया था। 'Baa3' निवेश के नजरिए से सबसे निचले दर्जे की रेटिंग है जो 'जंक' स्टेटस से महज एक पायदान ऊपर होती है। हालांकि, एजेंसी ने भारत को सावधान भी किया है। कहा है, कि कर्ज का बड़ा बोझ अब भी देश की क्रेडिट प्रोफाइल का अवरोधक है। बयान में कहा गया, 'मूडीज का मानना है कि सुधारों की वजह से कर्ज में तेज वृद्धि का जोखिम होगा, भले ही सुधार थोड़े नरम पड़ जाएं।'
इससे पहले वर्ल्ड बैंक के ईज ऑफ डुइंग बिजनेस लिस्ट में भारत ने 30 अकों का बड़ा उछाल भरा था। पिछले साल के 130वें स्थान से 30 अंकों की छलांग लगाते हुए भारत अब 100वें नंबर पर पहुंच गया है।
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