जस्टिस सहाय रिपोर्ट पर दंगा पीड़ितों ने उठाए सवाल, कहा- CBI करे जांच

Update: 2016-03-08 14:59 GMT

लखनऊ: 2013 में मुज़फ्फरनगर दंगे की जांच के लिए बनाए गए जस्टिस सहाय आयोग की रिपोर्ट ने राजनीति को गरमा दिया है। रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए दंगा पीड़ितों ने अब सीबीआई जांच की मांग की है। दंगा पीड़ितों ने रिपोर्ट पर संदेह जताते हुए साफ तौर पर कहा है कि दंगे सपा सरकार ने करवाए और अब जांच रिपोर्ट में इस सरकार को क्लीन चिट दे दी गई।

सरकार ने मुआवजा तक नहीं दिया

-मुजफ्फरनगर दंगों में बाल्मीकी परिवार के सैंकड़ों लोगों ने गांव छोड़कर शहर का रास्ता अपना लिया।

-इन परिवारों को सरकार ने मुआवजा तक नहीं दिया।

-किसी भी राजनीतिक पार्टी या स्वयं सेवी संस्था ने इनकी ओर मुड़कर नहीं देखा।

-गरीबी के चलते इन परिवारों में कई मौतें हो चुकी हैं।

दंगे की जांच सीबीआई से हो

-विधान सभा में रखी गई जस्टिस सहाय की रिपोर्ट पर इन दंगा पीड़ितों ने संदेह प्रकट किया है।

-पीड़ितों का साफ तौर पर कहना है कि दंगे कराने वाली सपा सरकार है।

-जस्टिस सहाय की जांच रिपोर्ट में उसे ही क्लीन चिट देना गलत है।

-दंगो की जांच सीबीआई से करानी चाहिए, जिससे दंगो का सच सबके सामने आ सके ।

भाजपा नेता ने आजम खां और आमिर आलम पर लगाया आरोप

-भाजपा नेता उमेश मलिक ने दंगा कराने का आरोप सपा मंत्री आजम खां और आमिर आलम पर लगाया है।

-उन्होनें कहा कि सपा सरकार ने जांच रिपोर्ट में सरकार को क्लीन चिट देने के लिए ही यह आयोग बनाया।

-सहाय रिपोर्ट में दोनों नेताओं को बचाने की कोशिश की गई, जिससे सपा सरकार को क्लीन चिट मिल जाए।

-उमेश ने कहा कि असली मुजरिम तो आजम खां और आमिर आलम होने चाहिए।

अपराधियों को थाने से छुड़वा ले गए

-भाजपा नेता उमेश ने कहा कि दंगे वाले दिन गौरव और सचिन की हत्या हुई थी।

-उसी दिन एसएसपी और डीएम ने रात में 7 अपराधियों को खून से सने हुए कपड़ो के साथ गिरफ्तार किया था।

-लेकिन, रात को ही आजम खां और आमिर आलम ने सभी अपराधियों को छुड़वाया लिया।

-उस दिन अगर अपराधी न छोडे जाते तो शायद दंगा नहीं होता।

-दोनों नेताओं के खिलाफ सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की।

-मालिक ने कहा कि दंगे के एक महीने के अंदर हजारो निर्दोष लोग जेल भेज दिए

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