वाराणसीः पीएम नरेंद्र मोदी बलिया में उज्ज्वला योजना को लॉन्च करने के बाद वाराणसी आए। पीएम मोदी ने अस्सी घाट पर 11 ई-बोट का वितरण करने के बाद इसके फायदे भी गिनाए। इन्होंने इसे मछुआरों का जीवन बदलने वाला बताते हुए कहा कि इससे उनका हर दिन करीब पांच सौ रुपया बचेगा। इसका इस्तेमाल बच्चों की पढ़ाई के लिए करें।
हर-हर महादेव के साथ भाषण की शुरुआत करने के बाद पीएम ने पुरानी सरकारों पर चुटकी भी ली। उन्होंने अंत में कहा कि काशी आने से उन्हें नई ताकत मिलती है। इसके बाद फिर गरीबों के लिए काम करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा...
-आपने मुझे आशीर्वाद देकर संसद में भेजा है। मैं मां गंगा और बाबा भोलेशंकर का भी आभारी हूं।
-हमारे देश में दुर्भाग्य से राजनीति उस रूप में चलाई गई, जिसमें योजनाएं हमेशा वही बनी जिससे वोट बैंक मजबूत बने।
-देश का गरीब मजबूत बने या ना बनें, गांव-शहर मजबूत बनें या ना बनें, देश मजबूत बने ना बने लेकिन वोट बैंक मजबूत बनना चाहिए।
पैसा बचे तो बच्चों को पढ़ाओ
-पहले चुनाव आता था तो मछुआरों को कितना डीजल देंगे कितने में देंगे यही बात होती थी। आज हम उनको उस संकट से मुक्ति दे रहे हैं। उन्हें ई बोट दे रहे हैं।
-मैंने मछुआरे भाइयों से पूछा बताओ दिन में कितना डीजल लेते हो। उसने कहा 10 लीटर। पांच सौ रुपया खर्चा होता है।
-बोट के ऊपर सोलर पैनल लगा होगा। सूरज की रोशनी से बैट्री चार्ज होगी।
-आप बताइए गरीब का रोज पांच सौ रुपए बच जाए ऐसा सोचा था क्या कभी।
-सरकार पांच-दस रुपए देने की ही बात करती थी। एक निर्णय कैसे बदलाव हो सकता है इसका उदाहरण है।
-मैं मछुआरे भाइयों को कहूंगा कि पांच सौ रुपए बचेगा (डीजल नहीं खरीदने से) तो क्या करोगे?
-सभी को मालूम है कि क्या करेगा। वो नहीं करना है। ये बचेगा तो बच्चों की पढ़ाई उसके दूध के लिए खर्च करना है। वरना तो मेरा पुण्य कहां जाएगा।
गरीब खुद गरीबी को हराएं
-पहले निषादों का वोट चाहिए होता था तो योजना बनती थी कि डीजल पर एक दो रुपया कम कर दो वोट मिल जाएगा।
-लेकिन जब तक हम समस्याओं के जड़ में नहीं जाते। और जड़ से समस्या को समाप्त करने का प्रयास नहीं करते हैं तो आप चुनाव लड़ते जाएंगे, जीतते जाएंगे लेकिन मेरा गरीब और गरीब होता जाएगा।
गरीबों के लिए काम करने में मजा
-इसलिए हमने जो भी योजनाएं बनाईं वो योजनाएं गरीब को वो ताकत देती हैं ताकि गरीब खुद गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने की हिम्मत रखे। गरीब खुद गरीबी को हराए हम उस दिशा में काम कर रहे हैं।
-मुझे इतना आनंद आता है कि इन गरीबों के लिए दिन रात दौड़ने का मन करता है।
तीन करोड़ लोगों को लोन
-प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 3 करोड़ 30 लाख लोगों को करीब सवा लाख करोड़ रुपए से अधिक दिया जा चुका है।
-उसने अपने कारोबार को बढ़ा दिया। देश की इस आर्थिक काम में 60 फीसदी से ज्यादा ये पैसे लाने वाले कौन हैं।
-इनमें 22 फीसदी महिलाएं और पिछड़े लोग हैं।
वो भी एक सरकार थी ये भी एक सरकार है
-वो भी एक सरकार थी कि 25 गैस कनेक्शन को बहुत बड़ा काम मानती थी ये भी एक सरकार है। ये काशी वालों की सरकार है। वो 25 कूपन देते थे हमने कहा तीन साल में पांच करोड़ लोगों को कनेक्शन दे देंगे।
-अमीरों के लिए तो बहुत सरकार आकर चली गई ये सरकार गरीबों के लिए आई है। जिसका कोई नहीं है उसके लिए ये सरकार है।
मैंने परिवार या नेता नहीं सेटालाइट को नाविक नाम दिया
-दो दिन पहले आपने देखा होगा कि भारत ने सेटेलाइट छोड़ा है।
-हमारे देश की राजनीति जिस तरह कि है हमें भी मोह हो जाता कि सेटेलाइट का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर हो जाता, दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर हो जाता। एक ही परिवार के कितने लोगों के नाम से योजनाएं हैं।
-लेकिन मोदी दूसरी मिट्टी का है। मैंने अपने किसी नेता या अपने परिवार का नाम नहीं दिया है।
-कोटि-कोटि मछुआरों को अंजलि है। दुनिया पूछेगी ये नाविक क्या होता है, हम कहेंगे काशी में आओ बताएंगे नाविक क्या होता है।
सफाई के लिए वादा
-काशी का विकास करने का मेरा एक सपना है, लेकिन उसमें आपकी मदद चाहिए। कहते तो हां हो लेकिन करते नहीं हो।
-इस बार पक्का? एक काम स्वच्छता। अब मेरा काशी गंदा नहीं होना चाहिए।
-एक बार हम तय कर लें कि काशी गंदी नहीं होगी। दुनियाभर के लोग यहां आते हैं।
-अब हर-हर महादेव कह दिया है तो हो जाएगा।
ताकत लेने आता हूं काशी
-आप इतनी बड़ी संख्या में आए ये नजारा अपने आप में मां गंगा की गोद में ताकत देता है। मैं जब आपके बीच आता हूं मेरी थकान दूर हो जाती है। काम करता हूं। आपके चरणों में आकर ताकत लेकर चला जाता हूं।
मंच के नीचे लगी आग
-पीएम मोदी के अस्सी घाट पहुंचने से ठीक पहले उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल हो गया जब मंच के नीचे शार्ट सर्किट से आग लग गई। हालांकि, जल्द ही इस पर काबू पा लिया गया।
ज्ञान प्रवाह भी गए मोदी
इससे पहले पीएम मोदी ज्ञान प्रवाह के एक कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने म्यूजियम में सांस्कृतिक धरोहरों को देखा।
इंटीलेक्चुअल्स से मुलाकात
डीरेका के गेस्ट हाउस में पीएम मोदी ने इंटीलेक्चुअल्स से चर्चा की। पीएम ने कहा कि काशी की सड़कों को सरकार बनवाती है। यहां की जनता उसके किनारे पेड़ लगाकर हरा भरा करे।
पीएम ने बांटी ई रिक्शा
यहां पीएम ने डीरेका मैदान में ई-रिक्शा का वितरण किया। पीएम ने ई रिक्शे की सवारी भी की। इसके बाद रिक्शा चालकों के साथ चौपाल लगाई। उनसे उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली।
एयरपोर्ट पर झाड़ी में आग
बाबतपुर एयरपोर्ट से पीएम मोदी के निकलने के बाद वहां झाड़ियों में आग लग गई। आनन-फानन में आग बुझाया गया।
एसपीजी अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।
इसके बाद शाम को संकटमोचन संगीत समारोह में शामिल होंगे। पीएम का अपने संसदीय क्षेत्र में छह घंटे 40 मिनट तक ठहरने का प्रोग्राम है।
पीएम की सुरक्षा के मद्देनजर शिवाला घाट से लेकर के अस्सी घाट तक सभी तरह के नावों को रोक दिया गया है। हरिश्चंद्र घाट से लेकर के भैसासुर घाट तक नावें चल रही हैं।
इससे पहले अस्सी घाट पर गीत-संगीत की महफिल ‘शाम-ए-बनारस’ में पीएम के शामिल होने की योजना थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे बाद में रद्द कर दिया गया।
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नीचे पढ़िए पीएम के कुछ ट्वीट्स...
In Varanasi will distribute e-rickshaws & interact with beneficiaries. Will also meet prominent citizens of Kashi. Looking forward.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 1, 2016
Particularly excited to launch a scheme for environmentally friendly e-boats at Assi Ghat. These will help bring down pollution.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 1, 2016
The e-boats will also bring down operational costs thus ensuring higher incomes for those who earn their livelihoods through such boats. — Narendra Modi (@narendramodi) May 1, 2016
पीएम का यह सातवां दौरा
-पीएम के काशी दौरे का प्रारंभिक प्रोटोकाल जिला प्रशासन को मिलते ही तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।
-पीएम नरेंद्र मोदी का अपने संसदीय क्षेत्र बनारस का यह सातवां दौरा है।
-एडीएम प्रोटोकाल ओम प्रकाश चौबे के अनुसार, पीएम सुबह 10:50 बजे बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
-वहां से हेलिकॉप्टर से बलिया जाएंगे।
-बलिया से लौटकर पीएम दोपहर 2:10 बजे डीरेका आएंगे।
-डीरेका गेस्ट हाउस में कुछ देर आराम करने के बाद पीएम शहर के गणमान्य लोगों से मिलेंगे।
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