NDTV पर लगा 24 घंटे का बैन, पठानकोट हमले की रिपोर्टिंग पर सरकार सख्‍त

Update:2016-11-04 10:55 IST

नई दिल्ली: पठानकोट हमले में नियमों को दरकिनार कर रिपोर्टिंग करने के आरोप में एनडीटीवी के हिंदी चैनल पर 24 घंटे के लिए बैन लगा दिया गया है। सरकार ने एक फैसले से साफ कर दिया है कि आतंकी गतिविधियों और उसके खिलाफ कार्रवाई के दौरान मीडिया को कुछ भी दिखाने की छूट नहीं होगी।

पठानकोट हमले के दौरान एनडीटीवी की रिपोर्टिग पर सरकार ने आपत्ति जताई और दंडित करने का फैसला किया है। नौ नवंबर को रात 12.01 बजे से 10 नवंबर रात 12.01 बजे तक इस हिंदी चैनल का प्रसारण नहीं होगा। इस दौरान पूरे देश में वह ऑफ एयर होगा। सरकार ने यह संकेत भी दे दिया है कि चैनल को दूसरी गलती भारी पड़ सकती है।

मुंबई 26/11 हमले के दौरान हुई थी गलती

मुंबई आतंकी हमले की टीवी रिपोर्टिग ने दुनियाभर में देश को शर्मसार कर दिया था। खुली छूट का लाभ उठाते हुए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने वह सब कुछ दिखाया था, जिससे आतंकी ही फायदा उठा रहे थे। हालांकि, बाद में कुछ नियम-कायदे तय हो गए।

सरकार का कहना है कि पठानकोट रिपोर्टिंग के दौरान एनडीटीवी ने जो कुछ दिखाया वह राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ है। अधिकारियों और विशेषज्ञों की समिति का मानना है कि उस दौरान एनडीटीवी इंडिया ने न सिर्फ हुए आतंकियों के छिपे होने की जगह बताई, बल्कि यह भी बताया कि पठानकोट एयरबेस के संवेदनशील स्थान उनसे कितनी दूर हैं। स्कूल और रिहायसी कॉलोनी का भी जिक्र किया। यह सब कुछ राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ नागरिकों के लिए भी खतरनाक हो सकता था।

समिति ने चैनल का प्रसारण 30 दिन के लिए रोकने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन सूचना प्रसारण मंत्रालय ने फिलहाल सांकेतिक रूप से एक दिन के लिए रोक लगाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उसके पास दूसरी गलती पर 90 दिन और तीसरी गलती पर ब्रॉडकास्टिंग की अनुमति के बचे हुए दिन तक प्रतिबंध लगाने का अधिकार है।

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क्या कहा था एनडीटीवी के रिपोर्टर ने

एनडीटीवी के पत्रकार ने 4 जनवरी को हुए पठानकोट हमले की रिपोर्टिग करते समय देश की सुरक्षा को दरकिनार कर कहा था कि दो आतंकी जिंदा हैं और उसी जगह हैं, जहां पर हथियारों का डिपो है। आतंकी बिल्कुल उनके करीब हैं। उस डिपो में रॉकेट लांचर, मोर्टार जैसे कई हथियार हैं। समिति ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।

एनडीटीवी ने दी थी ये सफाई

इसके लिए चैनल से जवाब मांगा गया। 25 जुलाई को चैनल ने समिति को जवाब दिया कि उसने एनएसजी की ब्रीफिंग के आधार पर ही रिपोर्टिग की है। इसके अलावा कुछ चीजें प्रिंट मीडिया में भी आ चुकी हैं। लेकिन समिति इस जवाब से असंतुष्ट थी।

क्या है नियम

टीवी केबल नेटवर्क नियम की धारा 6 (1) के अनुसार आतंकियों से जुड़ी कार्रवाई की रिपोर्टिग आधिकारिक अफसर की ब्रीफिंग के अनुसार ही करनी चाहिए। इस समिति में गृह, सूचना प्रसारण, विदेश, कानून समेत कुछ अन्य मंत्रलयों के उच्च अधिकारी होते हैं।

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