नई दिल्ली: सरकारी कर्मचारियों और वेतनभोगियों के लिए एक अच्छी खबर आई है। अब इन्हें अपने पीएफ का पैसा निकालने के लिए 58 साल की उम्र पूरी होने तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि जरूरत पड़ने पर कभी भी ये अपना पीएफ फंड निकाल सकते है।
ये हैं शर्तें
श्रम मंत्रालय के मुताबिक, हाउसिंग,गंभीर बीमारी के इलाज (अपने या परिवार के किसी सदस्य), बच्चों की मेडिकल, डेंटल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई और उनकी शादी के लिए सदस्य पीएफ की पूरी राशि निकालने के लिए आवेदन कर सकेंगे। ये राहत राज्य और केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को भी दी गई है। ये प्रावधान इसी साल अगस्त से लागू होंगे।
श्रम मंत्रालय ने प्रस्तावित नियमों में संशोधन की घोषणा की है। उन्होंने घोषणा में बताया कि कोई भी खाताधारक इलाज, हाउसिंग, शादी और बच्चों की पढ़ाई के लिए खाते में जमा पूरी राशि निकाल सकता है।
बदले थे नियम
फरवरी में श्रम मंत्रालय ने कहा था कि पीएफ खाताधारक 54 साल की उम्र में कोई कर्मचारी जमा राशि निकालने का अधिकारी नहीं होगा। इसके लिए 58 साल की उम्र तक इंतजार करना होगा। एक मई से लागू होने वाले प्रस्तावित नियम के तहत कोई भी कर्मचारी नौकरी छोडऩे या निकाले जाने के बाद भी पूरा पीएफ नहीं निकाल सकता। उसे 58 साल के बाद ही पीएफ की पूरी राशि निकालने का अधिकार होगा।
पिछले दिनों ट्रेड यूनियनों ने श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय को एक ज्ञापन सौंपकर पीएफ की निकासी के नियमों में संशोधन करने की मांग की थी। इसी मांग पर फैसला लिया गया है।
इस संशोधित नियम में सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंत्रालय ने फैसला लिया है कि सदस्य को अपनी पूरी जमा राशि निकालने का विकल्प देगी। अगर आवेदनकर्ता उपरोक्त कारणों के चलते आवेदन करता है तो वह निकासी के दिन तक के ब्याज की राशि को भी निकालने का अधिकारी होगी।