नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानि एनजीटी ने गुरुवार (05 अक्टूबर) को ऐतिहासिक जंतर-मंतर क्षेत्र में सभी तरह के प्रदर्शन और धरनों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। एनजीटी ने कहा है कि 'गाय संरक्षण के नाम पर गोवंश और बैलगाड़ी लाना जंतर-मंतर क्षेत्र में रह रहे लोगों के लिए मुश्किलों का सबब बनता है। हाल के दिनों में देखने को मिला है कि प्रदर्शन स्थल प्रदर्शनकारियों के लिए जंग का मैदान बन गया है।
एनजीटी ने ये बातें वरुण सेठ और अन्यों द्वारा दाखिल एक याचिका की सुनवाई के दौरान कही। याचिका में आरोप लगाया गया था कि जंतर-मंतर पर सामाजिक समूहों, राजनीतिक पार्टियों, एनजीओ द्वारा किए जाने वाले आंदोलन और जुलूस क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण का बड़ा स्रोत है।
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गंदगी फैलाने की स्थायी जगह बन गया है
न्यायमूर्ति आरएस राठौर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, कि 'यह क्षेत्र प्रदर्शनकारियों द्वारा गंदगी फैलाने की स्थायी जगह बन गया है। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद और पुलिस जैसी निकाय संस्थाएं जंतर-मंतर और इसके आस-पास साफ-सफाई रखने में नाकाम रही हैं। वे इलाके के लोगों के लिए शांतिपूर्ण और सहज जीवन सुनिश्चित करने में भी नाकाम रहे हैं।'
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पर्यावरणीय कानूनों का हो रहा उल्लंघन
एनजीटी ने कहा कि 'प्रदर्शनकारियों द्वारा इस क्षेत्र का लगातार इस्तेमाल वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम, 1981 सहित पर्यावरणीय कानूनों का उल्लंघन है। उसने कहा, कि इसके आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को शांतिपूर्ण और आरामदायक ढंग से रहने का अधिकार है। उनके आवासों पर प्रदूषण मुक्त वातावरण होना चाहिए।'
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