'पद्मावत': SC से सड़क तक छिड़ी जंग, करणी सेना ने कहा- इंतजार करो और..

Update: 2018-01-22 09:59 GMT

नई दिल्ली/लखनऊ: फिल्म निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ का 25 जनवरी को रिलीज होना काफी मुश्किल दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फिल्म को रिलीज करने का आदेश दिया था। इसके बाद से ही देशभर में इसका विरोध और तेज हो गया है। हालात को देखते हुए मध्यप्रदेश और राजस्थान की सरकारों ने फिल्म की रिलीज रुकवाने के लिए सोमवार (22 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार (23 जनवरी) को इस मामले की सुनवाई करेगा।

उधर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से इस फिल्म को पूर्ण बैन करने की मांग काफी तेज हो गई है। एक राजपूत राजघराने ने तो यहां तक कहा, कि 'यदि फिल्म नहीं रुकती है तो वे जयपुर और अन्य सभी स्थानों पर उन सभी महलों में पर्यटकों को जाने से रोकेंगे, जिनसे यही इतिहास दिखाकर सरकार टैक्स वसूल रही है। उनका कहना है कि हमारे सच्चे इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का कोई हक किसी को नहीं है। इस बीच गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान के साथ ही उतर प्रदेश में भी फिल्म के विरोध का सिलसिला तेज हो गया है।

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राज्य सरकारें दे रही ये हवाला

खबरों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकारों की तरफ से सोमवार को अपील दायर की गई। इसमें कहा गया है, कि सुप्रीम कोर्ट 'पद्मावत' की रिलीज पर दिए गए अपने पहले के आदेश में सुधार करे। सुप्रीम कोर्ट ने ही 18 जनवरी को फिल्म को देशभर में रिलीज करने के आदेश दिए थे। फिल्म को 25 जनवरी को रिलीज किया जाना है। लेकिन, इसका विरोध कम होने की बजाए बढ़ता ही जा रहा है। दोनों राज्य सरकारों ने अपनी अपील में कहा है, कि सिनेमेटोग्राफ एक्ट में इस बात को साफ किया गया है कि अगर किसी फिल्म से लॉ एंड आॅर्डर बिगड़ने की आशंका हो, तो राज्य सरकारें फिल्म को बैन कर सकती हैं।

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मंगलवार को अपील पर होगी सुनवाई

खबर है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम. खानविलकर और जस्टिस डीवाई. चंद्रचूड़ की बेंच मंगलवार को बीजेपी शासित इन राज्यों की अपील पर सुनवाई करेगी। फिल्म प्रोड्यूसर्स के वकील हरीश साल्वे ने मामले की फौरन सुनवाई का विरोध किया। लेकिन, बेंच ने उनके विरोध को दरकिनार कर दिया।

इंतजार करो और देखो...क्या होता है

उधर, रिलीज को लेकर करणी सेना ने फिर एक बार इशारों ही इशारों में धमकी दी है। गुड़गांव में उसके कार्यकर्ताओं से सवाल किया गया, कि अगर फिल्म को रिलीज किया जाता है तो वे क्या करेंगे? इस पर उन्होंने कहा, 'इंतजार करो और देखो, 25 को क्या होता है।' कार्यकर्ताओं ने फिल्म ना दिखाने को लेकर थिएटरों के मालिकों को ज्ञापन भी दिया है।

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हिफाजत के लिए लें पुलिस की मदद

उल्लेखनीय है, कि इस फिल्म को पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में बैन किया गया था। इस बीच सिनेमा ओनर्स एंड एक्जिबिटर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और मेंबर नितिन धर ने कहा, कि 'देश के कुछ हिस्सों में दिक्कतें हो सकती हैं। हमने एक्जिबिटर्स से गुजारिश की है और सलाह दी है कि वे अपनी प्रॉपर्टी और थियेटर्स में आने वाली ऑडियंस की हिफाजत के लिए पुलिस की मदद लें।'

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सोशल मीडिया में नया दांव

इस बीच 'पद्मावत' में अलाउद्दीन खिलजी का रोल निभा रहे रणवीर सिंह ने सोशल मीडिया में ऐसा दांव खेला है, जो पद्मावत विरोध की आग को ठंडा करने में मदद कर सकता है, हालांकि इसका असर क्या होगा, ये देखने वाली बात है। फ़िल्म में उनका किरदार क्रूर, वहशी और किसी दरिंदे से कम नहीं दिख रहा। दृश्य में मक्कारी और मौक़ापरस्ती इस किरदार की आंखों से झलक रही है। रणवीर ने अलाउद्दीन के किरदार की नकारात्मकता को बड़ी कामयाबी के साथ पेश किया है। उन्होंने अब ट्विटर पर खिलजी को वो नाम दे दिया है, जो संभवत: अब तक किसी ने इस्तेमाल नहीं किया है। रणवीर ने एक शब्द में संजय लीला भंसाली के खिलजी को परिभाषित कर दिया है, और वो शब्द है- 'Monster' यानि शैतान या दरिंदा। इतना ही नहीं, इस ख़िताब को सही ठहराने के लिए रणवीर ने फ़िल्म में अपने लुक्स का कोलाज भी शेयर किया है।

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