FICCI में PM मोदी बोले, आतंरिक बुराई और कालेधन से मुक्ति सरकार का लक्ष्य

गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार से उबर पीएम नरेंद्र मोदी ने फिक्की के 90 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने सबको बधाई दी और कहा कि भारतीय उ

Update: 2017-12-13 12:35 GMT
FICCI में PM मोदी बोले, आतंरिक बुराई और कालेधन से मुक्ति सरकार का लक्ष्य

नई दिल्ली :गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार से उबर पीएम नरेंद्र मोदी ने फिक्की के 90 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने सबको बधाई दी और कहा कि भारतीय उद्यम‍ियों ने देश की सेवा में अपना योगदान दिया है जबकि ऐसा ही एक दौर फिर उनके सामने आया है। फिक्की के 90 साल पूरे हाने पर हुए समारोह में जीएसटी लागू किए जाने के बाद पीएम पहली बार उद्योगपतियों के सामने थे । उन्होंने कहा कि लोग देश की आंतरिक बुराइयों से और भ्रष्टाचार और कालेधन से परेशान हो चुके हैं । इससे छुटकारा पाना है। इसलिए आज चाहे कोई राजनीतिक दल हो या फिक्की जैसा कोई संगठन हो, इन्हें चाहिए कि ये अपनी भावी रणनीति इसी हिसाब से बनाएं।

मोदी ने कहा कि आम आदमी को पिछले 60 साल के दौरान काफी परेशानियां झेलनी पड़ी थीं। उन्हें अपने छोटे बड़े काम के लिए दर-दर भटकना पड़ता था। आम आदमी को इससे निजात दिलाने के लिए हमारी सरकार काम कर रही है; हम एक पारदर्शी माहौल तैयार कर रहे हैं।उन्होंने कहा जब जनधन योजना शुरू हुई, तो हम ये लक्ष्य तय नहीं कर पाए थे कि कितने गरीबों के लिए खाता खोलने का लक्ष्य रखें क्योंकि क्योंकि कोई डाटा मौजूद ही नहीं था। 30 करोड़ से ज्यादा लोगों ने जनधन के तहत खाते खुलवाए हैं।

जहां ज्यादा बैंक खाते खुले हैं, वहां महंगाई दर में कमी आई है। केंद्र सरकार ने लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अपनी योजनाएं तैयार की हैं। जीवन आसान हो इसको सरकार ने प्राथम‍िकता दी है।

पीएम ने उज्ज्वला योजना का भी जिक्र किया और कहा कि इससे फ्यूल इंफ्लेशन में भी काफी गिरावट आई है। इससे गरीब को ईंधन पर कम खर्च करना पड़ रहा है। गरीबों की समस्याओं को खत्म करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

गरीब महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर असर न हो, इसलिए स्वच्छ भारत म‍िशन के तहत 5 करोड़ शौचालय बनवाए गए । गरीबों को पक्के घर बनवाए गए। जितना वह किराये पर खर्च करते हैं, उतने में ही उन्हें घर मिल जाए, इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना शुरु की है।

पीएम ने कहा कि मुद्रा योजना नौजवानों को अपने दम पर कुछ करने के लिए सहयोग दे रही है। मुद्रा योजना के तहत सरकार उनकी तरफ से गारंटी देती है। अब तक पौने दस करोड़ युवाओं के लिए 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा लोन दे चुके हैं।

मोदी ने कहा कि कॉरपोरेट को लाखों करोड़ों का लोन दिया गया। मेरी दिलचस्पी ये भी जानने में है कि जब सरकार की तरफ से बैंकों पर दबाव डालकर विशेष उद्योगप‍त‍ियों को लोन दिलवाया जा रहा था, क्या तब फिक्की आवाज उठा रही थी। उस समय बाजार से जुड़ी संस्थाएं जानती थीं कि कुछ न कुछ गड़बड़ है। बैंक के कारोबार से जुड़ा था यूपीए का सबसे बड़ा घोटाला। जनता की गाढ़ी कमाई उद्योगपतियों के जरिये लूट ली गई थी। क्या एक बार भी किसी स्टडी में या अध्ययन में इसकेा लेकर चिंता जताई गई थी जो मौन रह गए, क्या उन्हें जगाने की कोश‍िश इस देश की किसी भी संस्था की तरफ से हुई थी।

उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में सरकार के नीतिगत निर्णय की वजह से निवेश में बहुत ज्यादा वृद्ध‍ि हुई है। सरकार नौजवानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फैसले ले रही है और योजनाएं बना रही है। इसके बिलकुल उल्टा आपको पिछले सरकार के कार्यकाल में देखने को म‍िलेगा। आम नागारिकों को भ्रमित करने से रोकने में फिक्की की अहम भूमिका जरूरी है।

पीएम ने कहा कि आम आदमी और सरकार के बीच तालमेल बिठाना होगा। भारतीय इंडस्ट्री की पुरानी मांग थी कि उसे जीएसटी चाहिए। साल में चार डेलिगेशन फिक्की के मेरे पास गुजरात में आते थे।

पीएम ने कहा कि जो लोग सोशल मीडिया पर हैं , उन्होंने ध्यान दिया गया होगा कि रेस्तरां के बिल पोस्ट कर रहे थे कि उनसे ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं। जीएसटी जैसे व्यवस्थाएं रातोंरात खड़ी नहीं होती; हम तो 70 साल पुरानी व्यवस्था को बदलने में जुटे हुए हैं। ज्यादा से ज्यादा व्यापारी जीएसटी के दायरे में आएं।

मोदी ने बांस का उदाहरण दिया और कहा कि बांस पेड़ है या घास है। इसको लेकर देश में दो कानून थे। एक कहता था घास है और एक कहता था कि यह पेड़ है। किसी को जेल में डालना है तो पेड़ वाला और पैसे वसूलने हैं, तो घास वाला कानून। सरकार ने तय किया जंगल के बाहर जो बांस उगाया जाता है, तो उसे पेड़ नहीं माना जाएगा। अगरबत्ती और दियासलाई के लिए भी। हम बांबू इंपोर्ट करते हैं।

देश के किसी शीर्ष उद्योग संगठन की वार्षिक आमसभा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संबोधित किये जाने का यह पहला मौका है। असल में उद्योग चैंबर्स की AGM को प्रधानमंत्री द्वारा संबोधित करने की परंपरा रही है। इसके पहले यूपीए सरकार में तत्‍कालीन पीएम मनमोहन सिंह अक्‍सर प्रमुख इंडस्‍ट्री चैंबर्स के एजीएम को संबोधित करते रहे हैं, लेकिन पीएम मोदी ऐसे किसी AGM में नहीं गए थे।

फिक्की ने एक बयान में कहा कि ऐसे समय में जब अर्थव्यवस्था ने सकारात्मक संकेत देने शुरू किए हैं, प्रधानमंत्री का उद्योग जगत को संबोधित करना उद्योगों की धारणा को और मजबूत कर सकता है। फिक्‍की ने कहा, 'देश में वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन के बाद प्रधानमंत्री के इस संबोधन से उद्योग जगत से संवाद करने और जुड़ने की सरकार की कोशिशें मजबूत होने की संभावना है।

फिक्की की इस वार्षिक आमसभा का थीम 'नए भारत में भारतीय कारोबार' (इंडियन बिजनेस इन न्‍यू इंडिया) रखी गई है। इसे वित्‍तमंत्री अरुण जेटली और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी 14 दिसंबर को संबोधित करने वाले हैं। एक विशेष सत्र को कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया संबोधित करेंगे। इनके अलावा, बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं वित्‍तमंत्री सुशील मोदी, पश्चिम बंगाल के वित्‍त मंत्री अमित मित्रा, केरल के वित्‍त मंत्री थॉमस आइजैक और जम्मू कश्मीर के वित्‍त मंत्री हसीब द्राबू भी इस दो दिवसीय बैठक को संबोधित करेंगे।

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