नई दिल्ली : जीएसटी को देश में लागू हुए आज एक साल हो गया है और इसकी सालगिरह पर सरकार जहां जश्न मना रही है , वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने इसके फायदों की तारीफ करते हुए सहकारी संघवाद का सबसे अच्छा उदाहरण बताया।
उन्होंने कांग्रेस के उन आरोपों को नकारा जिसमें कर नीति को बहुत जटिल बताया गया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी उत्पादों को एक स्लैब में रखना संभव नहीं है। क्या हम दूध और मर्सिडीज पर समान टैक्स लगा सकते हैं?
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कर नीति के फायदों को गिनाते हुए पीएम ने कहा कि जीएसटी कोई जटिल नीति नहीं है जैसा कि आलोचक दावा कर रहे हैं। पिछले एक साल में 48 लाख नए उद्योगों का पंजीकरण हुआ है और 11 करोड़ रिटर्न फाइल हुए हैं। पीएम ने रसद उद्योग पर पड़े जीएसटी के सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे राज्य की सीमाओं पर चेक पोस्ट्स खत्म हो गई हैं। जिसके कारण उससे समय, संसाधन और पैसा बचता है और इस प्रकार देश की उत्पादकता में सुधार हुआ है।
जीएसटी को लागू करने में आ रही परेशानियों का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि इस सुधार के कार्यान्वयन के जरिए 17 टैक्स और 23 उपकरों को एक ही टैक्स में बदला गया है। जीएसटी को विकसित प्रणाली बताते हुए मोदी ने कहा कि नीति में लगातार राज्य सरकारों, लोगों, मीडिया आदि से मिल रहे सुझाव के आधार पर बदलाव किए जा रहे हैं। पीएम का कहना है कि जीएसटी ने बहुत से छुपे हुए करों को खत्म कर दिया है। जिसके कारण दिन-प्रतिदिन की अधिकांश वस्तुओं की दरें वास्तव में नीचे आ गई हैं।
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कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'कांग्रेस में हमारे मित्र कहते हैं कि जीएसटी का एक ही रेट रहना चाहिए। क्या वह यह भी कहेंगे कि फिर हमें खाद्य उत्पादों और कमोडिटीज पर भी टैक्स लगाना चाहिए। जिन पर अभी शून्य, 5 या 18 फीसदी तक ही कर लगता है।
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