चुनाव से पहले बागपत में इमाम का ऐलान, राजनीतिक दलों के लिए मस्जिदों के दरवाजे बंद
बागपत: यूपी में अगले महीने आगामी विधानसभा चुनाव 2017 का मतदान होना है। सात चरणों में होने वाले इस चुनाव में पहले चरण के लिए नामांकन 17 जनवरी को होना है। ऐसे में यूपी में मुस्लिम मतदाताओं को अपनी तरफ करने के लिए सभी राजनीतिक दल हर संभव प्रयास में जुटे हैं, लेकिन बागपत में इमाम के ऐलान के बाद राजनीतिक दलों की नींद उड़ गई है।
बागपत के बडौत में फूंस वाली मस्जिद से शहर इमाम मौलाना आरिफ उल हक ने बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि नेताओं के लिए फूंस वाली मस्जिद के दरवाजे बंद रहेंगे। मस्जिद में उलेमाओं की बैठक हुई और शहर इमाम आरिफ उल हक ने ऐलान कर दिया कि मस्जिद में आकर फोटो खिंचाकर मुस्लिमो को अपने पक्ष में करने के दावा करने वालों के लिए मस्जिद के दरवाजे बंद रहेंगे। मस्जिद में आना है तो सिर्फ इबादत के लिए आएं। बता दें कि बागपत में फेज 1 में 11 फरवरी को वोटिंग होगी।
शहर इमाम ने ये ऐलान बागपत की करीब 550 मस्जिदों और 143 मदरसों के लिए किया गया है। इतना ही नहीं, मौलाना आरिफ उल हक ने ये भी कहा कि सहायता के नाम पर राजनीतिक दलों से चंदा नहीं लिया जाएगा। इस बार चुनाव में पार्टी नहीं प्रत्याशी देखें और उसका पुराना इतिहाहस भी ध्यान रखें, क्योंकि जो सभी को साथ लेकर चलेगा उसे ही वोट दें। चाहे वो किसी भी दल का क्यों ना हो ?
इमाम ने की मुस्लिमों से और क्या अपील ?
फूंस मस्जिद जिला बागपत की बहुत बड़ी मस्जिद है और मरकज कहलाई जाती है। ये ख़ास तौर से इस्लामी केंद्र है। शहर इमाम मौलाना आरिफ उल हक अपील की है कि राजनीतिक दलों से कोई चंदा ने लें और उसे मदरसों में भी न लगाएं। इसके बजाए जब प्रत्याशी जीत जाएं तो खुश होकर मस्जिद के लिए सहायता करें। जीतने के बाद उनके पास पांच साल का लंबा वक्त होगा। सभी मुसलमानों से इमाम ने कहा कि वोट उसे दें, जो आपके दर्द को समझता हो, जिसके अंदर इंसानियत हो और सबको साथ लेकर चले।