इलाहाबाद: बंद कमरों में क्लास लेने के बाद पीएम की टीम जब जमीनी हकीकत नापने इलाहाबाद पहुंची तो कांग्रेसियों ने जमकर हंगामा किया। उनकी मांग है कि पीके प्रियंका को आगे लाएं और यूपी में 2017 का चुनाव लड़वाएं। पीके की टीम को पुराने सीनियर कांग्रेसियों ने आगाह कर दिया था कि उन्हें ऐसे विरोध का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि कांग्रेस की चुनावी नैय्या पार लगाने के लिए कांग्रेस ने प्रशांत किशोर को अपना कैंपेन मैनेजर बनाया हैं।
26 अप्रैल से 3 मई तक पीके की आठ सदस्यीय टीमें प्रदेश के तीन जोन इलाहाबाद, गोरखपुर और वाराणसी का दौरा कर जमीनी हकीकत का जायजा लेंगी। ताकि आगे की रणनीति तय की जा सके, लेकिन पहले ही दिन पीके की टीमों को इस तरह के हंगामे का सामना करना पड़ गया।
मंगलवार को पीके की टीम के सदस्य जब इलाहाबाद पहुंचे तो प्रियंका गांधी को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। प्रियंका को प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी को लेकर पीके की टीम के सामने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने साफ़ साफ़ कह दिया कि बिना प्रियंका को लाए प्रदेश में कांग्रेस का कुछ नहीं होने वाला है।
अगर कांग्रेस को प्रदेश में जीत चाहिए तो उसके लिए प्रियंका गांधी को आगे करना होगा। काफी देर चले इस हंगामे को टीम के सदस्य देखते रहे और उसके बाद किसी तरह वरिष्ठ नेताओं के बीच बचाव के बाद मीटिंग शुरू हो सकी।
जिला कांग्रेस के महासचिव हसीब अहमद ने कहा की वो पिछले तीन साल से प्रियंका गांधी को लाने की मांग कर रहे है, मीटिंग के दौरान उन्होंने यही मुद्दा उठाया है।
कांग्रेस के जिला महासचिव श्रीश चन्द्र दुबे का कहना है कि जब-जब कांग्रेस हाशिये पर गई उसने अपनी शुरुआत इलाहाबाद से ही की है। उन्होंने कहा की नेहरू भी इलाहाबाद आए और इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी भी घर लौट के आई थी।
इस बार भी कांग्रेस को अगर कुछ करना है तो उसे घर वापसी करनी होगी और प्रियंका गांधी को विधानसभा चुनाव में बतौर सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट करना होगा ।