पेरिस: फ्रांस की सरकार अपने पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के राफेल जेट सौदे को लेकर बयान से चिंतित है। उसे यह डर है कि ओलांद के इस बयान से फ्रांस और भरत के रिश्तें पर असर न आ जाय। फ्रांस के मंत्री ने कहा कि ओलांद अब अपने पद पर नहीं हैं और उनके बयान ने दोनों देशों की सामरिक साझेदारी को नुकसान पहुंचाया है। खासकर राफेल जेट सौदे को लेकर भारत में घमासान मचा है, जो कतई उचित नहीं है।
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2017 मई में फ्रांस के राष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्त हुए ओलांद ने शुक्रवार को कहा था कि फ्रांस की विमान बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट एविएशन को भारत ने स्थानीय साझेदार के रूप में दूसरा विकल्प नहीं दिया था।
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ओलांद वर्ष 2016 में भारत के दौरे पर आए थे और उसी दौरे के संदर्भ में हुई वार्ता का जिक्र कर रहे थे।
मोदी सरकार ने दसॉल्ट से 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया है, जिसने बाद में कहा था कि उसने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचएएल के बजाय इस प्रोजेक्ट के लिए अनिल अंबानी की कंपनी को साझेदार बनाया है।