जब दलित के घर में राहुल ने खाई रोटी और मजदूर के साथ किया श्रमदान

Update: 2016-06-19 05:43 GMT

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लखनऊः संविधान के निर्माता और दलितों के नेता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि, “छुआछूत गुलामी से भी बदतर है। शायद किसी भावी पीएम ने दलितों के साथ कदम से कदम मिलाकर मजदूरी की हो, लेकिन कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने मजदूरों के साथ डलिया धोकर छुआछूत की इन खाइयों को पाटने की कोशिश की। इतना ही नहीं उन्‍होंने कई बार दलितों के घर रात गुजारी। उनके साथ खाना खाया और उनकी समस्‍याओं को जाना।

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जब दलित के घर गुजारी रात

-जून, 2016 को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी दौरे पर थे।

-अचानक एक दलित परिवार के घर के बाहर उनका काफिला रुका।

-उन्होंने नीचे उतरकर दलित के घर रात बिताई और घर की बनी रोटियों से अपना पेट भरा था।

-अपनी छोटी सी कुटियां में राहुल को देख दलित की आंखों में आंसू आ गए।

-उसने कभी नहीं सोचा था कि उसके घर में इतना बड़ा नेता रात गुजारने वाला है।

-राहुल ने दलित से आग्रह किया कि वह आज रात उनके घर में भोजन करेंगे और वहीं ठहरेंगे।

-यह सुनकर दलित की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। फिर क्या घर के बाहर ही राहुल की खाट बिछाई गई।

-राहुल ने चौपाल लगाकर लोगों की समस्याओं को सुना था। 2008 में राहुल गांधी सु‍नीता कोरी के घर आकर रुके थे।

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फरवरी 2016 में राजधानी लखनऊ में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक दलित महिला को गले से लगा लिया था। उसका हालचाल पूछा। इसके लेकर सियासी ​गलियारों में भूचाल आ गया था। इसे एक राजनैतिक स्टंट माना गया था।

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