सतलोक आश्रम के 'संत' रामपाल दो मामलों में बरी, फिर भी जेल में रहेंगे

यौन शोषण के मामले में गुरमीत राम रहीम को 20 साल की सजा दिए जाने के बाद मंगलवार (29 अगस्त) को हिसार कोर्ट ने सतलोक आश्रम के 'संत' रामपाल को दो मामलों में बरी कर दिया गया है, लेकिन वे फिलहाल जेल में ही रहेंगे और बाकी 5 केसों की सुनवाई होगी। 

Update:2017-08-29 15:00 IST
सतलोक आश्रम के 'संत' रामपाल दो मामलों में बरी किए गए

नई दिल्ली: यौन शोषण के मामले में गुरमीत राम रहीम को 20 साल की सजा दिए जाने के बाद मंगलवार (29 अगस्त) को हरियाणा के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।

हिसार कोर्ट ने सतलोक आश्रम के 'संत' रामपाल को दो मामलों में बरी कर दिया गया है, लेकिन वे फिलहाल जेल में ही रहेंगे और बाकी 5 केसों की सुनवाई होगी। एफआईआर नंबर 426 और 427 के तहत दर्ज केस पर जज मुकेश कुमार सुनवाई के बाद उन्हें बरी कर दिया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए रामपाल पेश हुए। इस फैसले के मद्देनजर हिसार में धारा 144 लागू कर दी गई थी। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किेए गए थे। हिसार शहर की सीमाएं सील कर दी गई थीं।

रामपाल के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और आश्रम के अंदर महिलाओं को बंधक बनाकर रखने के आरोप थे। वैसे बाबा रामपाल इन दोनों मामलों में बरी होने के बाद भी जेल में ही रहेंगे। रामपाल के खिलाफ राष्ट्रद्रोह और हत्या के मामले चलते रहेंगे।

बाबा रामपाल के वकील एपी सिंह ने बताया कि कोर्ट ने बाबा को दो मामलों में बरी कर दिया गया है। उन्होंने इसे सत्य की जीत बताया।

बीते बुधवार को संत रामपाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर नंबर 201, 426, 427 और 443 के तहत पेशी हुई थी। कोर्ट ने एफआईआर नंबर 426 और 427 का फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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रामपाल पर fir नंबर 426 में सरकारी कार्य में बाधा डालने और 427 में आश्रम में जबरन लोगों को बंधक बनाने का केस दर्ज है। दोनों केसों में उसके अलावा प्रीतम सिंह, राजेंद्र, रामफल, विरेंद्र, पुरुषोत्तम, बलजीत, राजकपूर ढाका, राजकपूर और राजेंद्र को आरोपी बनाया गया है।

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बता दें कि कबीर पंथी विचारधारा के समर्थक रामपाल दास देशद्रोह के मामले में हिसार जेल में बंद हैं। नवंबर 2014 में सरकार के आदेश के बाद पुलिस ने बरवाला में हिसार-चंडीगढ़ रोड स्थित सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल के खिलाफ कार्यवाही की थी। पुलिस ने उसे 20 नवंबर 2014 को अरेस्ट किया था।

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कौन है रामपाल दास ?

-रामपाल दास का जन्म हरियाणा के सोनीपत स्थित धनाणा गांव में 8 सितंबर 1951 को हुआ था।

-रामपाल हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर था।

-इंजीनियर की नौकरी के दौरान रामपाल की मुलाकात कबीरपंथी संत स्वामी रामदेवानंद महाराज हुई।

-रामपाल रामदेवानंद के शिष्य बन गया।

-नौकरी के दौरान ही रामपाल दास सत्संग करने लगा और 'संत रामपाल' बन गया।

-हरियाणा सरकार ने उसे 2000 में इस्तीफा देने को कहा था।

-साल 1999 में बंदी छोड़ ट्रस्ट की सहायता से रामपाल ने करोंथा गांव में सतलोक आश्रम का निर्माण करवाया।

-हरियाणा में हिसार के पास बरवाला में स्थित इस आश्रम की जमीन को लेकर रामपाल पर कई आरोप लगे।

-संत बनने की शुरुआत में रामपाल सोनीपत और रोहतक में मोटरसाइकिल पर माइक्रोफोन से अपने उपदेश का प्रचार-प्रसार किया करते थे।

-इसके अलावा वह अपनी वीडियो भी रिकॉर्ड करवाते थे।

-रामपाल के समर्थन ज्यादार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से थे।

-उन्हीं की मदद से उन्होंने अपना प्रभाव और साम्राज्य बढ़ाया।

-इसके बाद संत रामपाल के अनुयायियों की संख्या बढ़ती चली गई।

-2006 में स्वामी दयानंद की लिखी एक किताब पर संत रामपाल ने एक टिप्पणी की।

आर्यसमाज इस टिप्पणी से नाराज हो गया। आर्य समाज और रामपाल समर्थकों में हिंसक झड़प हुई।

इसमें एक महिला की मृत्यु हुई। झड़प के बाद पुलिस ने रामपाल को हत्या के मामले में हिरासत में लिया।

22 महीने जेल में रहने के बाद वह 30 अप्रैल 2008 को जमानत पर रिहा हुए।

-साल 2014 में बार-बार अपील के बाद भी रामपाल सुनवाई पर नहीं गए।

-आखिरकार कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए।

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-कोर्ट में पेश न होने पर नवंबर 2014 में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों ने लगातार 12 दिनों के संघर्ष और कड़ी मशक्कत के बाद अरेस्ट किया था।

-इस दौरान रामपाल समर्थकों और पुलिस के बीच जबरदस्त हिंसा हुई थी।

-पुलिस ने 8 नवंबर को आश्रम की घेराबंदी की थी और 19 नवंबर 2014 को रामपाल को अरेस्ट किया गया था।

-रामपाल पर सरकारी बाधा डालने और आश्रम पर लोगों को बंधक बनाने के साथ देशद्रोह का भी मुकदमा दर्ज है।

-जब पुलिस ने रामपाल को गिरफ्तार कर उनके आश्रम की छानबीन की जो वहां से भारी मात्रा में हथियार और करोड़ों रुपये की खाद्य सामग्री बरामद हुई थी।

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