RBI ने फिर नहीं घटाई ब्याज दरें, सस्ते कर्ज के लिए अभी और करें इंतजार

Update: 2017-12-06 10:29 GMT
RBI ने फिर नहीं घटाई ब्याज दरें, सस्ते कर्ज के लिए अभी और करें इंतजार

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक आफ इंडिया की मौद्रिक नीति समित‍ि ने रेपो रेट में एक बार फिर कोई बदलाव नहीं किया जिससे आम लोगों का सस्ते कर्ज के लिए इंतजार खत्म् नहीं हुआ। मौद्रिक नीति में बदलाव नहीं होते देख शेयर बाजार भी गिर गया। आरबीआई ने रेपो रेट को 6 फीसदी पर बरकरार रखा है। अब सस्ते कर्ज के लिए फरवरी तक इंतजार करना पड़ेगा। इससे पहले अक्टूबर में भी आरबीआई की मौद्रिक समिति ने रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की थी।

एमपीसी की तरफ से रेपो रेट में कटौती न किए जाने के लिए महंगाई को जिम्मेदार बताया है। एमपीसी का कहना है, कि महंगाई को 4 फीसदी तक बांधे रखने ,और ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसी वजह से नीतिगत दरों में कोई बदलाव न करने का फैसला लिया गया है।

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विकास दर के अनुमान में भी कोई बदलाव नहीं

आरबीआई ने अर्थव्यवस्था की विकास दर के अनुमान में भी इस बार कोई बदलाव नहीं किया है। इसे 6.7 प्रतिशत पर ही रखा गया है। पिछली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में विकास दर को 7.3 प्रतिशत से घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया गया था। आरबीआई ने अगस्त में ही 7.3 प्रतिशत का अनुमान जारी किया था।

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महंगाई 4.3 से 4.7 प्रतिशत के बीच रहेगी

आरबीआई ने महंगाई के अनुमान में बदलाव कर दिया है। उसने कहा है, कि दिसंबर और मार्च की तिमाही में महंगाई 4.3 से 4.7 प्रतिशत के बीच रहेगी। आरबीआई ने आगे कहा, कि हाल के दिनों में सब्ज‍ियों के दाम में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि, आने वाले वक्त में इससे थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। दालों की कीमत भी कम होने लगी हैं। जीएसटी परिषद ने भी कई उत्पादों के रेट घटाकर कम कर दिया है। इन सबका फायदा आने वाले दिनों में महंगाई कम होने के तौर पर मिल सकता है।

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कर्ज सस्ते होने की उम्मीद फ़रवरी तक लटकी

आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ हुआ है जिससे सस्ते कर्ज का इंतजार और बढ़ गया है। इसके बाद अब सीधे फरवरी में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की मीटिंग होनी है। कर्ज सस्ते होने की उम्मीद अब फरवरी तक लटक गई है।

जानें, क्या है रेपो रेट?

रिवर्स रेपो के ही तहत देश का केंद्रीय बैंक, बैंकों से लोन लेता है। जिस तरह आप बैंक से लोन लेने पर इस पर ब्याज चुकाते हैं, उसी तरह आरबीआई भी बैंकों से पैसे लेने के लिए उन्हें प्रोत्साहन राशि (रिवर्स रेपो रेट) देता है। रेपो रेट जितना ज्यादा होगा, बैंकों को उतना ज्यादा फायदा मिलेगा।

रेपो रेट में बदलाव नहीं होने से शुरुआती कारोबार में बाजार में गिरावट रही। बुधवार को सेंसेक्स 105.70 अंक टूट गया वहीं, निफ्टी में 30 अंकों की गिरावट हुई ।

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