2019 पर खास रिपोर्ट: नए साल में बदल जाएगा बहुत कुछ, मिलेंगी नई सुविधाएं

Update:2018-12-28 13:57 IST

अंशुमान तिवारी

लखनऊ: नया साल कुछ न कुछ नया लेकर जरूर आता है। 2019 भी तमाम नयी चीजें लेकर आया है। 2019 में दिल्ली की कुर्सी के लिए देश में आम चुनाव होने हैं। साथ ही तमाम नए कायदे-कानून भी लागू होने जा रहे हैं। देश के लोगों को कई नई सुविधाएं मिलने जा रही हैं तो कई पाबंदियां भी लगने वाली हैं। इससे आम जिन्दगी पर काफी असर पड़ेगा। सभी को इन बदलावों के लिए तैयार होना होगा। साथ ही आने वाले साल में उत्तर प्रदेश में कई खास बदलाव होने वाले हैं। आइए उन बदलावों को जानते हैं जो नए साल में हम सभी की जिन्दगी को काफी हद तक प्रभावित करेंगे।

देश में आम चुनाव

राजनीतिक फ्रंट पर देखें तो इस साल आम चुनाव होने हैं जिसमें नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के बीच मुकाबला होना है और इस मुकाबले का रिजल्ट देश की भावी दिशा तय करेगा। ये चुनाव बेहद महत्वपूर्ण और रोचक होने वाला है। दोनों ओर के सेनापति और सेनाओं ने इस अहम मुकाबले की तैयारी शुरू कर दी है। इन दोनों सेनापतियों के साथ क्षेत्रीय क्षत्रप भी इस लड़ाई में कूदेंगे। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कौन किसके साथ गठबंधन बनाता है। इसी साल अरुणाचल, आंध्र, ओडिशा, सिक्किम, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर के असेम्बली चुनाव भी लोकसभा चुनाव के संग हो सकते हैं।

इस साल मई तक नयी सरकार का गठन हो जाना है। 2014 में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार के सामने अपनी प्रतिष्ठा बचाने की बड़ी चुनौती होगी।

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निर्वाचन आयोग के पिछले पांच साल के आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल एक लाख 26 हजार नये वोटर जुड़ रहे हैं। इस तरह लोकसभा चुनाव तक पांच सालों में 6 करोड़ से ज्यादा नये वोटर होंगे। सभी दलों की निगाहें इन पर होगी। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस से 6 करोड़ ज्यादा वोट मिले थे। इसलिए नये साल में इसका महत्व और बढ़ जाता है।

टेक्नोलॉजी में बड़े बदलाव

2019 में सबसे बड़ा बदलाव टेक्नोलॉजी में देखने में आएगा। इस वर्ष आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का प्रयोग तेजी से बढ़ेगा। थ्री डी प्रिंटिंग भी अब मेटल में होने लगेगी। इसके अलावा वर्चुअल रियलिटी का भी विस्तार होने वाला है। इस साल दुनिया में इन्टरनेट ट्रैफिक बढक़र 158 एक्साबाइट हो जाएगा।

ऑनलाइन डिस्काउंट का खेल खत्म

बेहतरीन डिस्काउंट, ऑफर और सुविधा के लिहाज से लोगों में ऑनलाइन खरीदारी का चलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन भारत के 18 बिलियन डॉलर के ई-कॉमर्स उद्योग के लिए 2019 बुरी खबर लेकर आया है। केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स में विदेशी निवेश के दिशा निर्देश सख्त कर दिए हैं जो 1 फरवरी से लागू होंगे। नए नियमों के अनुसार अमेजन और फ्लिप्कार्ट जैसी कम्पनियां अपने प्लेटफार्म पर एक्सक्लूसिव आइटम नहीं बेच पाएंगी। मिसाल के तौर पर अमेजन और फ्लिप्कार्ट की शिओमी और ओप्पो के संग एक्सक्लूसिव पार्टनरशिप है। इसके अलावा अगर किसी ई-कॉमर्स कंपनी की स्वामित्व वाली या शेयर होल्डिंग वाली कंपनी कोई आइटम बनाती है तो वह आइटम उस ई-कॉमर्स साइट पर नहीं बेचा जा सकेगा। यानी ई-कॉमर्स कंपनी अपना बनाया हुआ आइटम अपनी ही साइट पर नहीं बेच सकेगी। सिर्फ 25 फीसदी अपने आइटम बेचने की छूट होगी। इस नियम से अमेजन को खासतौर पर परेशानी होगी क्योंकि अमेजन के भारत में कई संयुक्त उपक्रम हैं जैसे कि क्लाउडटेल और अप्पारियो।

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असल में तमाम देसी कंपनियों ने ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनियां भारी डिस्काउंट और कथित ‘भेदभाव’ के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही थीं। सरकार से यह भी शिकायत की गयी थी कि ई-कॉमर्स कम्पनियां एफडीआई नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। इन शिकायतों के बाद अब नए नियम लागू किये जा रहे हैं। वैसे भी ये चुनावी साल है और सत्तारूढ़ पार्टी व्यापारियों को नाराज भी नहीं करना चाहती है। कहा जा रहा है कि विभिन्न व्यापारिगक संगठनों के दबाव में यह कदम उठाया गया है।

ई-कॉमर्स के लिए एफडीआई की संशोधित नीति के अनुसार ई-कॉमर्स बाजार में दिया जाने वाला कैश बैक ‘उचित और भेदभाव विहीन’ होना चाहिए। मतलब यह कि उदार रूप से कैश बैक देने का चलन अब कम हो जाएगा।

होगी निगरानी

भारत में आईटी सेक्टर में इस साल बड़े बदलाव होने वाले हैं। सोशल मीडिया का उपयोग और इसकी निगरानी संबंधी कानून बनने वाला है। सरकार ने इंटरनेट और सोशल मीडिया कंपनियों से फेक खबरें और अफवाहें रोकने के उपाय करने को कहा गया है। इसके अलावा किसी के भी कम्प्यूटर, सोशल मीडिया अकाउंट आदि पर सरकार की निगरानी का दायरा बढ़ा दिया गया है।

बिजली सेक्टर

इस साल पहली अप्रैल से देश भर में प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटर लांच कर दिए जाएंगे। जिस तरह प्रीपेड मोबाइल होता है उसी तरह प्रीपेड बिजली मीटर होंगे यानी जितनी बिजली चाहिए तो कार्ड रिचार्ज करवाते रहिए। सरकार का दावा है कि इससे बिजली चोरी रुकेगी और गरीबों को राहत मिलेगी।

बैंकिंग

देश में अधिकांश एटीएम मशीनें पुरानी टेक्नोलॉजी और पुराने सॉफ्टवेयर पर आधारित हैं। इस साल मार्च से एटीएम के लिए नया कानून लागू होने जा रहा है। इस कानून के तहत बैंकों को अपनी मशीनों में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने होंगे। इसके अलावा कैश मैनेजमेंट के नए नियम लागू होंगे। मशीनों में नोट भरने की व्यवस्था भी अब कैसेट बेस्ड हो जाएगी।

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ये सब इंतजामात उपभोक्ताओं की सुरक्षा के नजरिये से किये जा रहे हैं। नये साल से ईएमवी चिप बेस्ड एटीएम काम करेगा। 31 दिसम्बर के बाद मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड ब्लाक हो गए। पिछले महीनों से बैंक लगातार अपने ग्राहकों को मैसेज भेजकर ताकीद कर रहे हैं कि वह मैग्नेटिक कार्ड अपने बैंक की शाखा से बदल लें। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि आए दिन एटीएम का क्लोन बनाकर की जाने वाली धोखाधड़ी को रोका जा सके। अब ये अलग बात है कि एटीएम उद्योग नए नियमों से परेशान है।

नॉन-सीटीएस चेक नहीं करेंगे काम

1 जनवरी, 2019 से सभी बैंकों द्वारा पुराने नॉन सीटीएस चेक स्वीकार करना बंद हो गया है। अब तक चेक एक से दूसरे बैंक तक ले जाने में वक्त और पैसा दोनों की बर्बादी होती थी। अब इसकी जरूरत खत्म हो जाएगी। इससे वक्त और पैसा दोनों बचेंगे। चेक से पैसा कम समय में खाते में आ जाएगा। चेक के मामले में होने वाले धोखों की आशंका कम हो जाएगी। चेक खोने की आशंका कम होगी।

पैकिंग की प्रिंटिंग स्याही के नए नियम

खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग की प्रिंटिंग की स्याही के लिए भी नए नियम आ गए हैं जो इस साल जुलाई से लागू होंगे। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडड्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी एफएसएसएआई इन नियमों को लागू करेगा। नए नियमों के तहत स्याही में इस्तेमाल होने वाले कई केमिकल्स प्रतिबंधित होंगे क्योंकि अभी जो स्याही इस्तेमाल की जा रही है उसके कई केमिकल खतरनाक होते हैं जिनसे कैंसर तक हो सकता है।

डीटीएच और केबल देखना महंगा

डीटीएच और केबल टीवी के बारे में ट्राई के आदेश लागू हो गए हैं। दर्शक जितने चैनल देखना चाहेंगे, उनको उतना ही पैसा देना होगा। एक जनवरी से हर चैनल या फिर किसी ग्रुप के चैनल एक साथ एमआरपी पर खरीदना होगा। केबल और डीटीएच में हर पैकेज के साथ 100 चैनल फ्री में मिलते हैं पर अब उपभोक्ता को इसके लिए करीब 130 रुपए चुकाने पड़ेंगे यानी आपका खर्च बढऩा तय है। अभी तक केबल टीवी पर 150-200 रुपये में सभी चैनल मिल जाते थे, अब वो जमाना गया।

जीएसटी और भी आसान

2019 में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) पर उपभोक्ताओं को राहत मिली है। 23 सामानों और सेवाओं पर जीएसटी की दरें घटाई गई हैं। 17 आइटम्स ऐसे हैं, जिस पर पहले 18 फीसदी जीएसटी थी, जिसे अब घटाकर 5 से 12 फीसदी तक किया गया है। इस साल और भी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। नया टैक्स स्लैब 12 और 18 फीसदी के बीच लाने का विचार है।

ज्यादा देर खुली रहेंगी शराब दुकानें

शराब पीने और बेचने वालों के लिए सरकार ने राहत दी है। एक अप्रैल 2019 से शराब की बिक्री सुबह साढ़े नौ बजे से रात 11 बजे तक होगी। पहले यह समय सीमा दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक थी। शराब की बिक्री बिना कोड स्कैन किए नहीं की जा सकेगी। राजस्व लक्ष्य को पूरा करने के लिए शराब बिक्री की निर्धारित समय सीमा बढ़ाई गई है। अब शराब की बिक्री तीन घंटे अधिक होगी। वैसे यूपी की योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद शराब बिक्री के घंटे घटाकर वाहवाही लूटी थी, लेकिन राजस्व बढ़ाने के लिए बिक्री के घंटे फिर बढ़ा दिए गए हैं।

कुंभ का आयोजन

2019 में कुंभ मेले का आयोजन होगा। योगी सरकार के लिए कुंभ का आयोजन प्रतिष्ठा का सबब बन गया है। आयोजन को सफल बनाने के लिए हर संभव उपाए किए गए हैं। प्रयागराज में होने वाले कुंभ पर केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार 3000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। वैसे यह खर्च 4000 करोड़ रुपये तक जा सकता है। 2013 के कुंभ पर तत्कालीन सरकार ने 700 करोड़ रुपये खर्च किए थे। कुंभ मेले को सफल बनाने के लिए सीएम खुद लगे हुए हैं।

नये साल में लखनऊ मेट्रो

लखनऊ मेट्रो इस साल अमौसी एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक चालू हो जाएगी। लखनऊ मेट्रो की यह ‘रेडलाइन’ है। इसका काम पूरा होने को है। इस लाइन के चालू होने के बाद इसी साल दूसरी लाइन पर काम तेजी से शुरू हो जाएगा।

डाक्टरों की भर्ती

जनवरी में अस्पतालों में डाक्टरों की कमी काफी हद तक कम होने की उम्मीद है। जनवरी के पहले सप्ताह में ही 139 स्पेशलिस्ट डॉक्टर और 1358 पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान ये निर्देश दिए हैं। मंत्री के मुताबिक जनवरी से पहले सप्ताह में मातृ एवं शिशु हेल्थ सेंटर में बाल व स्त्री रोग विशेषज्ञ, एनेस्थेटिस्ट, पैथोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट की उपलब्धता हो जाएगी।

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