नई दिल्ली: भारत रत्न और पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और 'जीरो' का साथ अब भी बना हुआ है। संसद में गुरुवार (21 दिसंबर) को अपना पहला भाषण देने खड़े हुए सचिन विपक्ष के हंगामे के कारण नहीं बोल सके। सदन में उनके स्पीच की संख्या अभी भी जीरो है। ठीक इसी तरह वे अपने पहले अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच में भी जीरो पर आउट हो गए थे, लेकिन इसके बाद जो हुआ वह देश- दुनिया के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं।
सचिन के फैंस का मानना है कि संसद की पारी भी जीरो से शुरू करने वाले सचिन यहां भी रेकॉर्डतोड़ प्रदर्शन करेंगे, जो आने वाले दिनों में भारतीय खेल के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज किया जाएगा।
जो व्यक्ति बोल रहा है वह भारत रत्न है...मगर
गुरुवार को राज्य सभा में सचिन 'राइट टू प्ले' पर बोलने वाले थे लेकिन वह भाषण की शुरुआत करते, इससे पहले ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष लगातार मनमोहन सिंह के मुद्दे पर हंगामा करता रहा। भारी शोर-शराबे के बीच उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने लगातार विपक्ष से अपील की, 'जो व्यक्ति बोल रहा है वह भारत रत्न है। इसे पूरा देश देख रहा है। कृपया शांत हो जाइए।' लेकिन हंगामा कर रहे सांसदों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। अंत में सदन को 22 दिसंबर 11 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। इस तरह सचिन ने अपने पहले भाषण की शुरुआत जीरो से की। बता दें कि गुरुवार को सचिन अपनी पत्नी अंजलि के साथ राज्यसभा पहुंचे थे।
सिलेबस में शामिल होगा खेल
सूत्रों की मानें, तो सचिन रमेश तेंदुलकर देश का खेल ढांचा बदलना चाहते हैं। इसलिए वे राइट टू प्ले लागू कराने की हिमायत कर रहे हैं। ताकि हर बच्चे के अंदर छिपी खेल प्रतिभा निखर सके। सचिन खेल को स्कूलों के सिलेबस में अनिवार्य रूप से शामिल करने के पक्षधर हैं।