पूजा ने किया newstrack.com से खुलासा- जेल में नहीं रखा गया रेपिस्टों के साथ
लखनऊ. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को 7 जून को लखनऊ यूनिवर्सिटी में हिंदवी स्वराज्य दिवस के समारोह में जाने के दौरान कुछ छात्र नेताओं ने छात्र कल्याण निधि के दुरूपयोग समेत अन्य मुददों को लेकर काले झंडे दिखाए थे।इसकी वजह से पूजा समेत एक अन्य छात्र नेता अपूर्वा वर्मा सहित 9 लड़कों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसमें पूजा शुक्ला ने 25 दिन जेल में बिताए, वहीं इनकी साथी अपूर्वा वर्मा को 23 दिन जेल में गुजारने पड़े।
हाल ही में अपूर्वा वर्मा के हवाले से छपी खबर कि उन्हें बैरक में रेपिस्टों के साथ रखा गया था। अपूर्वा के इस दावे पर newstrack.com से बात करते हुए पूजा शुक्ला ने बताया कि ऐसा कुछ भी नहीं था। हमारे साथ राजनीतिक बंदियों के जैसा ही सलूक किया गया और रेपिस्टों के साथ रखने वाली बात पूर्णतय: गलत है।
सुबह 5 बजे उठ जाती थीं महिला बंदियां, ये था रूटीन
छात्र नेता पूजा शुक्ला ने बताया कि वो और अपूर्वा सुबह 5 से साढ़े 5 के बीच उठ जाती थीं। इसके बाद उन्हें अपनी दैनिक दिनचर्या का पालन करना होता था। उनकी तीन बार गिनती होती थी। उन्हें उनके घर से लाई हुई भगत सिंह और नारी सम्मान से जुड़ी किताबें पढ़ने की इजाजत थी। आस पास के बैरक वालों के नयूजपेपर लेकर पढ लेते थे। उनके साथ राजनीतिक बंदियों जैसा सलूक होता था।समान्य महिला राजनीतिक बंदियों की तरह उन्हें भी अपने बैरक की साफ सफाई खुद करनी होती थी।
महिला बंदियों ने की काफी मदद
पूजा शुक्ला ने बताया कि जेल में कई ऐसी महिला कैदी बंद थीं, जिन पर फर्जी 420 का मुकदमा चल रहा था। उन बंदियों ने पहले दो दिन अपना सामान देकर हमारी काफी मदद की थी। इसके अलावा वह हमारे सर में तेल लगाने से लेकर बेड शीट धोने तक का काम हमारे मना करने के बावजूद कर देती थीं। हम लोग भी अपने लिए आने वाले फल आदि उन्हें और उनके बच्चों को स्नेहवश दे देते थे। हमने फैसला किया है कि अब हम उनके हक की लड़ाई लडेंगे और गरीब महिलाओं को नि:शुल्क कानूनी परामर्श दिलवाने के लिए संघर्ष करेंगे।
जेल से पूजा शुक्ला ने लिखा था पत्र
पूजा शुक्ला ने अपनी जेल यात्रा के दौरान बाहर अपने साथियों को पत्र लिखा था। इस पत्र को उन्होंने अपनी बहन के हाथ ही बाहर साथियों तक पहुंचाया था। इस पत्र में उन्होंने भगत सिंह को अपना प्रिय नायक बताते हुए लिखा था कि ‘जेल में हमने भगत सिंह के साथ बाबा साहेब और लोहिया जी को पढ़ा, सरकार को लग रहा है कि अगर वह हमारी बंदी अवधि बढ़ाकर हमारे हौंसलों को कमजोर कर देगी तो वह गलत है। हम भगत सिंह के वारिस हैं जो जेल और फांसी से नहीं डरते।‘
सीएम को छात्रों ने दिखाए थे काले झंडे, योगी सरकार मुर्दाबाद के लगे थे नारे
लखनऊ यूनिवर्सिटी के बाहर (7 जून) को सीएम योगी आदित्यानाथ की फ्लीट जैसे ही यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 1 पर पहुंची, पूजा फ्लीट के आगे कूद गई। इस पर पूरी फ्लीट पांच मिनट के लिए अचानक रूक गई थी। सीएम की फ्लीट रुकते ही समाजवादी छात्रसभा, आईसा,एसएफआई सहित अन्य छात्र संगठनों के छात्र नेता काले झंडे लेकर सीएम की गाड़ी के सामने आ गए।प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राएं सीएम को काले झंडे दिखाने के साथ साथ योगी सरकार मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे।
यहां तक एक प्रदर्शनकारी छात्र सीएम की गाड़ी के बोनट पर भी चढ़ गया। इसके बाद प्रशर्नकारी 14 छात्र-छात्राओं को हिरासत में ले लिया गया था। सीएम फ्लीट को काले झंडे दिखाने पर अंकित सिंह, बाबू, अनिल यादव, माधुरी सिंह, विनीत कुशवाहा समेत कई स्टूडेंट्स को अरेस्ट कर लिया गया।
इस केस में सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने योगी आदित्यनाथ के काफिले का रास्ता रोकने और उन्हें काला झंडा दिखाने के आरोप में लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) के 14 स्टूडेंट्स को गुरुवार (08 जून) को न्यायिक हिरासत में 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया था।इसमें अपूर्वा वर्मा 23 दिन बाद तो पूजा शुक्ला 25 दिन की जेल यात्रा के बाद रिहा हुईं।
समाजवादी छात्र सभा के नेता दिग्विजय सिंह देव ने बताया, कि वो अपूर्वा से मिले तब उसने रेपिस्ट वाली बात उनसे साझा नहीं की। हाँ उसने जेल में रहने में होने वाली परेशानी के बारे में ज़रूर बताया था।
समाजवादी छात्र सभा के नेता अंकित सिंह बाबू ने बताया कि अपूर्वा ने पहले रेपिस्ट वाली बात नहीं कही लेकिन अब वो क्यों कह रही है ये वही बेहतर जानती होगी।
देखें तस्वीरें :