रैली रविवार : पुरुलिया में शाह की जनसभा के जवाब में तृणमूल की रैली

Update:2018-07-01 21:04 IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जनसभा के जवाब में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भी रविवार को उसी क्षेत्र में रैली आयोजित की और राज्य में 'अलगाववादी ताकतों और दंगा फैलाने वाले' के प्रवेश को रोकने का संकल्प लिया। 2019 लोकसभा चुनाव में बंगाल की 22 लोकसभा सीट जीतने के शाह के दावे पर तृणमूल ने कहा कि भाजपा को दो मौजूदा लोकसभा सीट से भी हाथ धोना पड़ेगा और 2019 में पार्टी यहां से एक भी सीट नहीं जीत पाएगी।

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शहरी विकास मंत्री फरहाद हाकिम ने कहा, "गुजरात में कई हत्याओं के मुख्य आरोपी यहां अशांति को बढ़ावा देने और लंबे दावे करने के लिए आए हैं। उन्हें बंगाल की परंपरा, संस्कृति और पूर्व स्थितियों के बारे में पता नहीं है। हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि बंगाल में दंगा फैलाने वालों का कोई स्थान नहीं है।"

उन्होंने कहा, "वह 22 लोकसभा सीट के बारे में बात कर रहे हैं। 22 को भूल जाइए, वे दार्जिलिंग और आसनसोल सीट भी हार जाएंगे, जहां उन्होंने जीत दर्ज की थी। भाजपा 2019 में बंगाल में बड़ा जीरो स्कोर करेगी। "

मंत्री ने कहा कि दिल्ली और गुजरात से आने वाले शाह जैसे लोगों को इसका पता नहीं है कि कैसे ममता बनर्जी के कार्यकाल में नक्सल प्रभावित बंगाल के जिलों में स्थिति बदल चुकी है।

उन्होंने कहा, "वाम मोर्चे के शासन में, इन लोगों के पास जंगल महल में जाने की हिम्मत नहीं होती थी क्योंकि उस समय यहां लोकतंत्र नहीं था। कई लोग मारे गए। पूरा क्षेत्र नक्सलियों और वाम मोर्चे द्वारा समर्थित गुंडों के दोहरे हमले से जूझ रहा था। ममता बनर्जी के नेतृत्व में, हमने शांति स्थापित की है।"

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महिला विकास और सामाजिक कल्याण मंत्री शशी पंजा ने रैली में कहा कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ही वह पार्टी है, जो जनजातीय समुदाय की परंपरा और जिंदगी की परवाह करती है।

पंजा ने कहा, "हम जनजातीय समुदाय को प्यार करते हैं और समाज को दिए उनके योगदान का हमेशा आदर करते हैं। तृणमूल कांग्रेस ने कल 'हूल पर्व' मनाया और संथाल विद्रोह और बंगाल में अंग्रेजों के खिलाफ उनकी बहादुरी का उत्सव मनाया। क्या भाजपा अध्यक्ष ने इस पर एक भी शब्द कहा? नहीं, उन्होंने नहीं कहा।"

दो दिवसीय दौरे पर बंगाल आए अमित शाह ने 28 जून को जनसंपर्क अभियान के अंतर्गत पुरुलिया में ग्रामीणों से मुलाकात की थी और बाद में पुरुलिया शहर के बाहरी इलाके में एक जनसभा की थी।

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