1,100 करोड़ के घोटाले में फंसे IAS अमित घोष, CM ऑफिस ने विजिलेंस को सौंपी जांच
लखनऊ: वर्ष 1994 बैच के आईएएस अमित घोष 1,100 करोड़ रुपए के घोटाले में फंस गए हैं। यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन लि. (यूपीएसआईडीसी) के प्रबंध निदेशक (एमडी) के पद पर रहते हुए उन पर घपलों का आरोप है। सीएम ऑफिस ने इसका संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक, विजिलेंस को 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, अमित कुमार घोष 2 अगस्त 2016 से 14 अप्रैल 2017 तक यूपीएसआईडीसी के एमडी थे। अपने 8 महीने के कार्यकाल में उन्होंने ट्रांस गंगा सिटी और सरस्वती हाईटेक सिटी में 1,100 करोड़ रुपए के टेंडर कर दिए। इसमें से इन दोनों प्रोजेक्ट में सिर्फ 600 करोड़ रुपए के सीमेंट कंक्रीट रोड के टेंडर किए।
15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट तलब
यूपीएसआईडीसी के चीफ इंजीनियर अरुण कुमार मिश्रा ने इसकी शिकायत की थी। जिस पर सीएम ऑफिस के विशेष सचिव आदर्श सिंह ने संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक सतर्कता से 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट तलब की है।
सतीश महाना सीएम से मिले
इसी मुद्दे पर सतीश महाना ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। UPSIDC में घोटाले पर सीएम ने उन्हें तलब किया था। महाना ने सीएम को मामले की जांच के बारे में बताया।
'अफसर एक-दूसरे की खोल रहे हैं पोल'
सीएम से मुलाकात के बाद महाना ने कहा, कि 'अभी बहुत से मामले हैं जिसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा अभी कई लोग जेल जाएंगे। पिछले 15 सालों से इस विभाग में पब्लिक इंटरेस्ट की कोई बात नहीं होती थी। अब अफसर एक-दूसरे की पोल खोल रहे हैं। जो भी दोषी होगा, उस पर एक्शन लिया जाएगा।'