परमाणु बमों को शक्तिशाली बनाने के लिए US ने किया एटमी ग्रेविटी बम का परीक्षण

Update: 2018-07-05 05:02 GMT
परमाणु बमों को शक्तिशाली बनाने के लिए US ने किया एटमी ग्रेविटी बम का परीक्षण

न्यूयॉर्क: अमेरिकी रक्षा मंत्रालय भले अपने परीक्षणों को लेकर सीधे तौर पर कोई जानकारी न देता हो लेकिन मिलिट्री डॉट कॉम ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा और खतरनाक परीक्षण हाल ही में किया है। इस परीक्षण का मकसद परमाणु बमों को ज्यादा से ज्यादा शक्तिशाली बनाने का है।

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बता दें, डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी के राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन के साथ मिलकर अमेरिकी वायुसेना ने बी 61-12 जैसे ग्रैविटी बम का परीक्षण किया है। ये एक ऐसा ग्रैविटी बम है, जो पहले धरती के तीन फीट भीतर तक जाता है और फिर फटता है। इस ग्रैविटी बम का विकास 10 साल पहले से यानी 2008 से किया जा रहा है।

बम की सर्विस लाइफ को बढ़ाना चाहता था अमेरिका

वहीं, रिपोर्ट की मानें तो हमेशा से ग्रैविटी बम को और विकसित करने का मकसद बम की सर्विस लाइफ को बढ़ाना रहा है। यही नहीं, ये परीक्षण अपनी तरह का पहला है। साथ ही, ग्रैविटी बम हथियारों को तीन गुना अधिक सटीक बनाने की भी क्षमता रखता है। जानकारी के अनुसार, अमेरिका ने बी-61 के अलावा एफ-35 का भी परीक्षण कर लिया है।

न्यूक्लियर ग्रेविटी बम कार्यक्रम को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुरू किया था, जिसके वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2046 यानी 30 साल तक के लिए बढ़ा दिया है। इस कार्यक्रम का मकसद हथियारों को सीमित करना है और ये अमेरिकी रणनीति का एक हिस्सा है। वहीं, अमेरिका और साथी देशों पर किसी भी तरह का एटमी आक्रमण न हो, इसके लिए भी ये परीक्षण किया गया है।

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