अभियोजन के DG ने दिए आदेश, UP के 186 माननीयों पर चल रहे केसों की पैरवी तेज

Update:2016-10-01 00:07 IST

-राजकुमार

लखनऊ: यूपी के 403 विधायकों में से 186 यानि करीबन 46 प्रतिशत विधायकों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। उनके हलफनामों के विश्लेषण से यह पता चलता है। इन 186 विधायकों में से 98 विधायकों पर संगीन धाराओं में केस दर्ज हैं। अभियोजन निदेशालय ने इन माननीयों के खिलाफ चल रहे केसों की पैरवी तेज करने के निर्देश दिए हैं।

अभियोजन निदेशालय के डीजी के मुताबिक पैरवी में तेजी न होने से कई साल से मुकदमे खिंच रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में माननीयों के खिलाफ चल रहे मुकदमों में जल्‍द नतीजे निकलने की उम्मीद जताई जा रही है।

इसमें 111 विधायक सपा और 26 विधायक बसपा के शामिल हैं। बीजेपी के 25 और कांग्रेस के 13 विधायकों के विरूद्ध आपराधिक केस दर्ज हैं। जबकि रालोद के 2 विधायकों पर केस दर्ज हैं। कौमी एकता दल के एक, पीस पार्टी के दो और एक निर्दलीय विधायक पर भी केस दर्ज है।

आगे की स्‍लाइड में पढ़ें कौन हैं वो माननीय जिन पर चल रहे हैं आपराधिक केस...

सपा के 111 विधायकों पर सैकड़ों मुकदमें

-जसराना से विधायक रामवीर सिंह पर 18 मामले।

-सिरसागंज से विधायक हरिओम यादव पर 16 केस।

-अलीगंज से विधायक रामेश्वर सिंह पर 27 केस।

-अमरोहा से विधायक महबूब अली पर 15 केस।

-गरौंठ से विधायक दीपनारायण सिंह पर 6 केस।

-बुलंदशहर के भगवान शर्मा पर 13 केस।

-संतरविदासनगर के विजय कुमार पर 25 केस।

-चित्रकूट से विधायक वीर सिंह पर 9 केस।

-लखनऊ के रविदास मेहरोत्रा पर 17 केस।

-बलिया नगर से विधायक नारद राय पर 4 केस।

-बदायूं से विधायक आबिद रजा खान पर 10 केस।

-फूलपुर से एमएलए सईद अहमद पर 9 केस।

-फतेहपुर से विधायक सै. कासिम हसन पर 5 केस।

-फैजाबाद के अभय सिंह पर 18 मुकदमें।

-शाहजहांपुर के राजेश यादव पर 6 केस।

-सीतापुर से एमएलए राधेश्याम जायसवाल पर 17 केस।

-सुुल्तानपुर से विधायक अनूप संडा पर 8 केस।

-शाहगंज से विधायक शैलेन्द्र यादव ललई पर 6 केस।

-अयोध्या से विधायक तेज नारायन पर 8 केस।

-घोसी से विधायक सुधाकर पर 7 केस।

बसपा के विधायकों पर 58 मुकदमें

यूपी विधानसभा में अब तक बसपा के विधायकों की संख्या 81 थी। पर हाल ही में इसके कई विधायकों ने पार्टी छोड़ दी है। इनमें स्वामी प्रसाद मौर्या और राजेश त्रिपाठी शामिल हैं। इस तरह मौजूदा समय में देखा जाए तो बसपा के 26 विधायकों पर 58 मुकदमें दर्ज हैं।

इन विधायकों के खिलाफ दर्ज हैं आपराधिक मामले

-बुलंदशहर के मो अलीम खान पर तीन केस

-मुजफ्फरनगर से नूर सलीम राना पर चार केस

-बलिया के उमाशंकर पर चार केस

-चित्रकूट के चंद्रभान सिंह पटेल पर 11 केस

-बरेली से विधायक वीरेन्द्र सिंह के खिलाफ दो केस और सुल्तान बेग पर तीन केस दर्ज हैं।

-फतेहपुर से एमएलए अयोध्या प्रसाद पाल पर दो केस

-मऊ से विधायक उमेश पांडे पर दो केस

-वाराणसी से विधायक उदयलाल मौर्या पर दो केस

-ललितपुर के फेरन लाल पर दो केस

-रमाबाईनगर से विधायक इन्द्रपाल सिंह और इलाहाबाद से दीपक पटेल पर एक—एक केस।

-चंदौली से एमएलस बब्बन पर एक केस।

-बिल्सी से विधायक मुसर्रत अली बिटटा, बिजनौर के इकबाद, तिलहर के रोशन लाल पर दो—दो केस।

-साहिबाबाद से एमएलए अमरपाल, कोरांव से राजबली, बस्ती सदर से जितेन्द्र कुमार, कप्तानगंज से राम प्रसाद, इलाहाबाद प. से पूजा पाल, पनियरा से देव नरायन, महसी के कृष्ण कुमार ओझा, बदायूं से एमएलए सिनोद कुमार शाक्य, मझावां के रमेश चन्द्र और नजीबाबाद की तस्लीम के खिलाफ एक—एक आपराधिक मामले दर्ज हैं।

बीजेपी विधायक भी हैं आपराधिक मामलों में आरोपी

-बलिया से एमएलए उपेन्द्र तिवारी पर 11 केस।

-आगरा के योगेन्द्र उपाध्याय पर 3 केस।

-बीसलपुर के राम सरन वर्मा पर 5 केस।

-बलहा की सावित्री फुले पर 6 केस।

-फैजाबाद से राम चन्द्र पर 3 केस।

-फिरोजाबाद से मनीष असीजा पर 3 केस।

-ठाकुरद्वारा से कुंवर सर्वेश कुमार पर 4 केस।

-सरधना से विधायक संगीत सोम पर 3 केस।

कांग्रेस के इन विधायकों पर भी केस

-मथुरा से एमएलए प्रदीप माथुर पर 6 केस।

-वाराणसी से एमएलए अजय राय पर 8 केस।

-तमकुहीराज से विधायक अजय कुमार उर्फ लल्लू पर 12 केस।

-तिलोई से विधायक मो मुस्लिम पर 5 केस

-बस्ती के संजय प्रताप जायसवाल पर 4 केस (मौजूदा समय में ये बीजेपी में हैं)।

-सहारनपुर से विधायक प्रदीप कुमार पर 6 केस।

निर्दलीय व अन्य दलों के आरोपी विधायक

-कौमी एकता दल से विधायक मोख्तार अंसारी पर 15 केस।

-पीस पार्टी के अखिलेश कुमार सिंह पर 8 केस।

-रघुराज प्रताप सिंह पर 8 केस।

-सुशील सिंह पर 20 केस।

क्या कर रहा है अभियोजन निदेशायल?

यूपी पुलिस के अभियोजन निदेशालय के डीजी सूर्य कुमार ने अपने मातहतों को माननीयों के खिलाफ चल रहे केसों की पैरवी तेज करने के निर्देश दिए हैं। डीजी के मुताबिक पैरवी में तेजी न होने से कई साल से मुकदमे खिंच रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में माननीयों के खिलाफ चल रहे मुकदमों का कोई नतीजा निकलने की उम्मीद जताई जा रही है।

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