सहारनपुर हिंसा: योगी सरकार की कार्रवाई, DM एनपी सिंह और SSP सुभाष चंद्र दुबे सस्पेंड
जातीय हिंसा से सुलगते यूपी के सहारनपुर जिले की घटनाओं पर योगी सरकार ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए बुधवार (24 मई) को बड़ी कार्रवाई की।
लखनऊ: जातीय हिंसा से सुलगते यूपी के सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर में हुई घटनाओं पर योगी सरकार ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए बुधवार (24 मई) को बड़ी कार्रवाई की। हिंसा पर नियंत्रण पाने में असफल रहे सहारनपुर के एसएसपी सुभाष दुबे और डीएम नरेंद्र प्रताप सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा डीआईजी, एसडीएम और सीओ को भी सस्पेंड किया गया है। सहारनपुर में पीके पांडेय को डीएम और मुजफ्फरनगर के एसएसपी बबलू कुमार को सहारनपुर का नया एसएसपी बनाया गया है। पीके पांडेय अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी हैं। बता दें, कि साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगों के बाद भी सुभाष दुबे को सस्पेंड किया गया था। वह उस समय भी मुजफ्फरनगर में एसएसपी की पोस्ट पर तैनात थे।
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गौरतलब है कि बुधवार को भी सहारनपुर में दो लोगों को गोली मार दी गई। वहीं मंगलवार को भी हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई, जबकि 20 अन्य घायल हो गए थे। हालांकि, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर पहुंचे चार वरिष्ठ अधिकारी (गृह सचिव मणि प्रसाद, एडीजी (लॉ एंड आर्डर) आदित्य मिश्रा, आईजी एसटीएफ अमिताभ यश, डीआईजी सिक्योरिटी विजय भूषण) भेजे गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति तनावपूर्ण, पर नियंत्रण में है। मामले में अभी तक 24 लोगों को अरेस्ट कर जेल भेजा गया है। एक दिन पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जो भी सहारनपुर दंगे में दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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मायावती का बीजेपी पर निशाना
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने सहारनपुर की जातीय हिंसा में मौतों के लिए बीजेपी सरकार को दोषी ठहराया है उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस जैसे संगठन सामाजिक भाईचारे को बिगाड़ने के लिए सरकारी मशीनरी का खुलकर दुरूपयोग कर रहे हैं।
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दलित समाज के लोग सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने के लिए संघर्षरत हैं। बीजेपी और आरएसएस के जातिवादी तत्व इन्हें रौंद कर रखना चाहते हैं। सहारनपुर से लौटने के बाद बुधवार (24 मई) को मायावती ने एक बयान जारी कर कहा है कि सत्ता में आने के बाद बीजेपी के लोग जातिवादी हिंसा पर उतारू हो गए हैं। नतीजतन, जातीय हिंसा और संघर्ष थम नहीं रहा है। बेकसूर लोगों को हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है, हत्याएं भी हो रही हैं।
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उन्होंने कहा कि शब्बीरपुर से लौटने के बाद ज़िला प्रशासन की मिलीभगत से बीजेपी-समर्थकों ने दलितों को रास्ते में रोक कर उन पर जानलेवा हमला किया, इसमें एक की जान चली गई और कई अन्य की हालत गंभीर है।
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