गोरखपुर/बस्ती: योगी आदित्यनाथ ने हिन्दू पलायन और कानून व्यवस्था पर एक बार फिर यूपी सरकार को घेरा है। योगी ने गोरखनाथ मंदिर में रविवार को एक कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश में जंगलराज की स्थिति है। कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। शासन हिन्दू विरोधी गतिविधियों को शरण दे रहा है। उन्होंने कहा कि कुशीनगर में एक मासूम बच्चे का जबरन खतना (मुसलमानी) एक अत्यन्त गंभीर प्रकरण है।
वहीं रविवार को ही बस्ती में आयोजित रामकथा के आयोजन में पहुंचे योगी आदित्य नाथ ने यह संकेत भी दिया है कि बीजेपी 2017 यूपी विधानसभा चुनाव राम मंदिर मुद्दे पर लड़ना चाहती है। योगी ने कहा कि "जब ढांचा गिराने से नहीं रोक सके तो मंदिर बनाने से कौन रोक पाएगा।"
बस्ती में योगी ने क्या कहा ?
-अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मार्ग को प्रशस्त करना है तो सबको एक साथ बढ़ना होगा ।
-कौन ताकत है जो रोक सकती है अब तो निर्माण होना है।
-1992 को जब ढांचा ढहाया गया था तो प्रशासन इस बात से चिंतित था कि ईट कहां जाएगी लेकिन देखते ही देखते सारे ईट कारसेवक उठा ले गए एक भी ईट का टुकड़ा नहीं मिला।
-अपने -अपने आस्था के अनुसार लोगों ने उसका उपयोग किया।
गोरखपुर में योगी ने क्या कहा
-गोरखपुर के सांसद महन्त योगी आदित्यनाथ ने हिन्दू विरोधी घटनाओं को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
-उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के अंदर हिंदू विरोधी गतिविधियां शासन की शह पर हो रही हैं।
-एक वर्ग विशेष के अपराधियों का साहस इस कदर बढ़ गया है जो न केवल हिन्दू आस्था व धार्मिक व्यवस्था पर हमला कर रहे है।
-हिन्दू मां-बहन की इज्जत के साथ भी सरेआम खिलवाड़ हो रहा है।
- बच्चें भी उनकी दरिन्दगी से नहीं बच पा रहे हैं।
-अपराधी एक वर्ग विशेष के होते हैं तो प्रशासन भी इन पर कार्यवाही नहीं करता।
-ईमानदार पुलिस अधिकारी निलंम्बित होते हैं वहीं भ्रष्ट, अपराधियों को संरक्षण देने वालों को अच्छी पोस्टिंग मिल रही है।
-उनको सम्मानित करने का कार्य पिछले 4 वर्षों में प्रदेश सरकार ने किया है।
- इसी का दुष्परिणाम है कि पूरा प्रदेश अराजकता की आग में झुलस रहा है।
-प्रदेश में कानून का राज न होकर, पेशेवर अपराधियों और माफिया सरगनाओं, दुष्कर्मियों और दुराचारियों के समान्तर सरकार चल रही है।
-ऐसे तत्वों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करने की बजाय प्रदेश सरकार और उसके जनप्रतिनिधि सीधे-सीधे ऐसे तत्वों का पनाह दे रहे हैं।
-गोरखपुर में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का निलंबन इस बात का प्रमाण है।
-जिस भूमि विवाद में समाजवादी पार्टी के एक नेता आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं उसी भूमि से सम्बन्धित विवाद पर सरेआम गोली चलना मथुरा की घटना की पुनरावृत्ति को प्रदर्शित करता है।
-मथुरा में दो-दो पुलिस अधिकारी शहीद हुए।
-प्रदेश सरकार के संरक्षण में चल रही अराजकता और गुण्डाराज के खिलाफ भीषण आन्दोलन का शंखनाद होगा।