गोरखपुर: सांसद योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उस फैसले का कड़ा विरोध किया जिसमें कहा गया है कि शरीयत कानून उनके लिए सभी कानूनों से बड़ा है। इस मुद्दे पर आदित्यनाथ का कहना था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।
बड़ी आबादी को न्याय से वंचित नहीं रखा जा सकता
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी स्वागत योग्य है। एक बड़ी आबादी को न्याय से वंचित नहीं रखा जा सकता है। आज जब देश में नारी सशक्तिकरण की बात हो रही है ऐसे में यह बात उस समय अधूरी रह जाती है जब आधी मुस्लिम आबादी उससे वंचित रह जाती है। मुस्लिम महिलाओं को मस्जिद में नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं है। जो सर्वथा गलत है।
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मुस्लिम महिलाओं को भी मिले अनुमति
योगी ने कहा यह न्याय का तकाजा है कि महिला और पुरुष में कोई भेदभाव न हो। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कई मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश के निर्णय दिए हैं वह स्वागत योग्य है। उसी तरह कोर्ट को मुस्लिम महिलाओं को उनके धर्म स्थल में प्रवेश और नमाज अदा करने को लेकर ठोस निर्णय देना चाहिए।
योगी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से जो बातें कही जा रही हैं उसका किसी भी स्थिति में समर्थन नहीं किया जा सकता।
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कांग्रेस को याद दिलाया इतिहास
योगी ने कांग्रेस के उस बयान पर जिसमें आरएसएस की तुलना मुस्लिम लीग से की गई है, पर टिप्पणी करते हुए कहा,कि 'कांग्रेस ने अपने सत्ता लिप्सा के लिए देश का विभाजन करवाया था। इसमें मुस्लिम लीग और कांग्रेस दोनों बराबर के साझीदार थे। ऐसे में कांग्रेस स्वाभाविक रूप से जिन्ना से इतना प्यार रखती है, क्या इसमें भी किसी को कोई संदेह है ?'