वाह रे योगी सरकार! Crowd मैनेजमेंट में फेल IAS के पास कुंभ की जिम्मेदारी

Update:2018-01-23 12:46 IST
वाह रे योगी सरकार! क्राउड मैनेजमेंट में फेल अफसर के पास कुंभ मेले की जिम्मेदारी

लखनऊ: वाह रे योगी सरकार! इलाहाबाद में कुम्भ मेले के सफल आयोजन की जिम्मेदारी आईएएस विजय किरन आनन्द को दे दी, जो वाराणसी मेें डीएम रहने के दौरान क्राउड मैनेजमेंट में फेल रहे थे। नतीजतन 25 लोगों की भगदड़ के दौरान दर्दनाक मौत हो गई थी। उस समय इस प्रकरण की जांच भी हुई थी। पर, रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो पाई। ऐसे में लाख टके का सवाल उठता है कि जब कुम्भ मेले में लाखों लोगों की भीड़ इकट्ठा होगी तो आनन्द उसे कैसे संभाल पाएंगे?

घटना अक्टूबर 2016 की है। वाराणसी में जय गुरुदेव के शिष्य पंकज महाराज के कार्यक्रम का आयोजन था। उसमें शाकाहार और मद्य निषेध के लिए जुलूस निकाला गया था। इसमें पुल टूटने की अफवाह उड़ी, जिसके बाद जुलूस में भगदड़ मच गई। इस दौरान दम घुटने से 25 लोगों की मौत हो गई। चौंकाने वाली बात यह है कि काशी की सड़कों पर जुलूस में लाखों लोगों के उतरने के बाद क्राउड मैनेजमेंट का कोई इंतजाम नहीं था। जहां भगदड़ मची थी, वह वाराणसी-चंदौली जिले की सीमा पर स्थित था। इस वजह से भी दोनों जिलों के पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने ढिलाई और उदासीनता बरती। यह भी एक प्रमुख कारण है जिसकी वजह से यह हादसा हो गया।

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क्राउड मैनेजमेंट सबसे बड़ी जिम्मेदारी

इलाहाबाद कुम्भ मेले में स्नान पर्व पर करोड़ लोग स्नान करने पहुंचते हैं। बीते वर्षों में यह संख्या तीन करोड़ तक पहुंची थी। महीने भर की अवधि तक लाखो लोग प्रतिदिन मेले में मौजूद रहते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि भूले-​बिछड़े लोगों की संख्या ही लाखों में होती है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि मेले में सबसे बड़ी जिम्मेदारी क्राउड मैनेजमेंट की ही होती है।

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मेले की वृहद टाउन प्लानिंग

एसएसपी कुंभ मेला कवीन्द्र प्रताप सिंह का कहना है, कि 'कुंभ मेले में वृहद टाउन प्लानिंग होती है। पूरे मेले के आने और जाने के रास्तों को अलग-अलग रखा जाता है। सड़कें बालू में बनती हैं, जहां गाड़ियां भी नहीं चल सकती हैं। वहां लोहे की चार से छह प्लेटें इंटरलाकिंग कर लगाई जाती है ताकि पैदल चलने वाले लोगों को भी परेशानी नहीं हो। हर सेक्टर में चिकित्सा, पुलिस, बिजली, पानी और अन्य सुविधाएं मौजूद होती हैं। एक वृहद ट्रैफिक प्लान बनता है। पूरे मेले की सुरक्षा चाक चौबंद रहती है।

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समाजवादी पार्टी के रहे हैं काफी करीब

बता दें, कि आईएएस विजय किरन आनन्द 2009 बैच के आईएएस अफसर हैं। ये इससे पहले जब पंचायती राज विभाग में तैनात थे तब भी इन पर गलत आंकड़े पेश करने के आरोप लगे थे। आनन्द की गिनती उन चुनिंदा अफसरों में होती रही है जो समाजवादी पार्टी के बेहद करीबी माने जाते हैं।

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