Sonbhadra News: डीएमएफ से निर्मित सड़कों की लंबाई-चौड़ाई घटाकर करोड़ों की बंदरबांट, भाजपा नेता का बड़ा आरोप, सीएम को सौंपा पत्रक
Sonbhadra News: जिला मुख्यालय पर सभा को संबोधित कर लखनऊ के लिए उड़ान भरने पुलिस लाइन पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर जिले की स्थिति, योजनाओं के क्रियान्वयन और यहां की जरूरत के बारे में जानकारी हासिल की।;
Sonbhadra News: जिला मुख्यालय पर सभा को संबोधित कर लखनऊ के लिए उड़ान भरने पुलिस लाइन पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर जिले की स्थिति, योजनाओं के क्रियान्वयन और यहां की जरूरत के बारे में जानकारी हासिल की। वहीं, इस दौरान भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डाॅ धर्मवीर तिवारी ने सीएम को पत्रक सौंपते हुए, बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और मामले की जांच कराते हुए, दोषियों को दंडित करने और डीएमएफ का सही दिशा में सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित कराए जाने की मांग की।
सौंपे गए पत्रक में डीएमएफ फंड के दुरूपयोग और उसके जरिए कराए जाए कार्यों में ग़डबडी बरतते हुए की जा रही धन की कथित लूट की जांच कराए जाने की मांग की गई है। वहीं, कहा गया है कि डीएमएफ से कराए जाने वाले कार्य धीरे-धीरे मनरेगा घोटाले को भी पीछे छोड़ने लगे हैं। दावा किया गया है कि कई ऐसी ऐसी संस्थाओं को कार्य दिया गया हीै जिनके पास न तो संबधित कार्य को कराने की क्षमता है, न ही सोनभद्र में उस संस्था का दफ्तर ही मौजूद है। कई कार्यों की लंबाई-चौड़ाई, दूरी घटाकर भी घोटाला किए जाने का आरोप लगाया गया है।
डीएमएफ से जिले को मिलती है प्रतिवर्ष 100 करोड़ की रकम
दावा किया गया है कि जिले को कोयला, गिट्टी, बालू खनन के जरिए डीएमएफ मद में प्रतिवर्ष सौ करोड़ की रकम प्राप्त होती है। पिछले चार सालों में इस मद से लगभग 400 करोड़ की धनराशि व्यय की जा चुकी है। कहा है कि इस धन का उपयोग खनन से प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास और सोनभद्र के लिए जरूरी ब़ड़ी परियोजनाओं पर खर्च किया जाना चाहिए लेकिन यह रकम कई अनुपयोगी कार्यों और सप्लाई के सामानों पर खर्च कर दी गई है।
मिर्जापुर की संस्था को दिए गए कार्य पर उठाए गए सवाल
पत्रक के जरिए दावा किया गया है कि यूपीआरएनएसएस सहित कई ऐसी संस्थाएं हैं जिनका दफ्तर सोनभद्र में न होने के बावजूद उन्हें डीएमएफ से कार्य सौंप दिया गया है। पीडब्ल्यूूडी जैसे साख वाले विभाग के निर्माण, प्रांतीय, आरईएस, पीएमजेएसवाई खंड के जरिए डीएमएफ से कराए गए कार्यों पर भी सवाल उठाए गए हैं।
दावा- निर्माण में इन सड़कों की घटा दी गई दूरी, चौड़ाई भी कम करने का आरोप
दावा किया गया है कि सुकृत जिला पंचायत बैनिरयर से होते हुए निर्मित सीसी रोड और डाला में लंगड़ा मोड़ से अंदर सीसी रोड सहित कई ऐसी सड़कों का निर्माण किया गया है जिनकी लंबाई स्वीकृत लंबाई से तो कम है ही, कई जगहों पर चौड़ाई भी घटा दी गई है। मांग की गई है कि डीएमएफ धनराशि का पूर्ण उपयोग जनपद के बड़े विकास कार्य, पर्यटन व प्रदूषण से मुक्ति दिलाने/राहत देने के कार्य, आदिवासी-वनवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने, खनन क्षेत्र में चिकित्सालय खोलकर खनन क्षेत्र के मजदूरों को निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जाए।
सड़कों में भ्रष्टाचार के आरोपों से हड़कंप की स्थिति
बताते चलें कि पीडब्ल्यूडी और जिला पंचायत दोनों की तरफ से निर्मित कराई जा रही सड़कों में कागज पर ज्यादा और हकीकत में कम लंबाई, कई जगहों पर कागज पर अधिक मौके पर कम चौड़ाई की शिकायत चर्चाओं में बनी हुई थी। अब यह मसला मुख्यमंत्री के संज्ञान में पहुंचने के बाद संबंधितों में हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई। आरोपों में कितनी सच्चाई है? यह तो तकनीकी टीम की जांच के बाद ही सामने आएगा, फिलहाल जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं, उसके देखते हुए, डीएमएफ से स्वीकृत और कराए गए दोनों कार्यों के जांच की मांग उठने लगी है।