Aluminum Side Effects: सावधान एल्युमीनियम बर्तनों का इस्तेमाल करने वालों, इसमें खाना पकाया तो पछतायेंगे आप
Aluminum Side Effects in Hindi: क्या एल्युमीनियम के बर्तनों का इस्तेमाल सही है या नहीं और अगर सही है तो कितनी हद तक। दरअसल एक्सपर्ट रिसर्च के मुताबिक कुछ नतीजों पर आये हैं जो आपको चौका देगा।
Aluminum Side Effects in Hindi: दुनिया के कोने कोने में एल्युमीनियम के बर्तनों का इस्तेमाल काफी ज़्यादा किया जाता है। वहीँ एक सर्वे में भी पाया गया कि अमेरिका में भी लगभग 60 फीसदी कुकवेयर एल्युमीनियम के ही इस्तेमाल किये जाते हैं। दरअसल ये बेहद टिकाऊ और सस्ते भी होते है यही वजह है कि आजकल ज़्यदादातर घरों में एल्युमिनियम का कोई ना कोई बर्तन ज़रूर इस्तेमाल होता है।
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एल्युमीनियम के बर्तनों का इस्तेमाल
एल्युमीनियम के बर्तन अपनी कीमत और वो बेहद टिकाऊ होते हैं यही वजह है कि भारत के साथ साथ अन्य देशों में भी लोग इसका आराम से इस्तेमाल वहीँ इसको कर रहे हैं। वहीँ इसी लेकर लोगों के मन में कई सवाल भी हैं। जिसका हम आपको जवाब देगें कि क्या एल्युमीनियम के बर्तनों का इस्तेमाल सही है या नहीं और अगर सही है तो कितनी हद तक। दरअसल एक्सपर्ट का इस बारे में कहना है कि कुछ एक सावधानी के साथ आप एल्युमीनियम के बर्तनों का इस्तेमाल आराम से कर सकते हैं।
एल्यूमिनयम बर्तन अच्छे हीटकंडक्टर
एल्युमीनियम धातू अच्छे हीटकंडक्टर माना जाता हैं इसलिए इसमें खाना जल्दी बन जाता है। अगर आपको नहीं पता हो तो बता दें कि नॉन-स्टिक कुकवेयर भी एल्युमीनियम के बर्तनों से ही बनते हैं जिसपर नॉन स्टिक कोटिंग की जाती है। लेकिन वहीँ अगर एल्युमीनियम का आप ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं तो ये काफी नुकसानदायक हो सकते हैं। आइये जानते हैं ऐसा कब होता है।
दरअसल जब आप एल्युमीनियम के बर्तन में कोई एसिडिक फूड्सरखते हैं तो ये उसपर रियेक्ट करता है। इसके बात इसके मेटल के कण खाने में मिक्स हो जाते हैं। जिसकी वजह से एल्युमीनियम की मात्रा आपके शरीर में ज़्यादा हो सकती है। वैसे इस बारे में रिसर्च भी की गयी है जिसमे पाया गया है कि जिसमे कहा गया है कि ये कण आसानी से ह्यूमन वेस्ट के तौर पर पेट के जरिए निकल जाते हैं। लेकिन वहीँ कुछ मेडिकली अनफिट लोगों के लिए ये नुकसानदेह भी साबित हो सकता है। तो ऐसे में आप अपनी हेल्थ कंडीशन के अनुसार डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
जानिए किन चीज़ों को एल्युमीनियम के बर्तन में न पकाएं
कहा जाता है कि लोहे के बर्तन या कढ़ाई में भी कुछ चीज़ों को रखने या बनाने से परहेज़ करना चाहिए वैसे ही एल्युमीनियम के बर्तनों में भी ऐसा ही है। लोहे में दूध की डिशेज नहीं पकाई जाती वैसे ही एल्युमीनियम के बर्तन में कुछ चीज़ों को नहीं बनाना चाहिए।
टमाटर से बनी कुछ डिशेज
जैसा हमने आपको पहले भी बताया था कि एसिडिक नेचर वाले कोई भी पदार्थ एल्युमीनियम के बर्तन में नहीं पकने चाहिए। ऐसे में टमाटर भी एसिडिक नेचर का होता है अगर आप एल्युमीनियम के बर्तन में इसे पकाते हैं तो इसका स्वाद बदल जायेगा। टमाटर के एसिडिक होने की वजह से ये एल्युमीनियम के साथ रिएक्ट करता है। जिसकी वजह से एल्युमीनियम आयोन्स आपकी इस टमाटर वाली डिश में आ जाते हैं।
सिरका
एक रिसर्च में सामने आया है कि सिरका भी एल्युमीनियम के साथ बहुत ज्यादा रिएक्ट करता है। इसलिए सिरके से जुडी कोई भी डिश एल्युमीनियम के बर्तनों में मत रखिये।
अचार
अचार में भी एसिडिक नेचर होता है। जिसकी वजह से ये भी एल्युमिनियम के साथ रिएक्ट करेंगे। जिसकी वजह से आपने अक्सर देखा होगा कि अचार को लोग ज़्यादातर कांच के या चीनी मिट्टी के बर्तनों में रखते हैं।
सिट्रस फूड्स
अगर आप खाने के साथ भी किसी तरह के सिट्रस फूड्स का इस्तेमाल करते हैं तो भी आप देख पाएंगे कि एल्युमीनियम इसपर भी तेज़ी से रियेक्ट कर रहा है। जैसे अगर आपने लेमन कर्ड या लेमन राइस बनाया हो तो ऐसा अक्सर होता है।
वैसे इसे लेकर कई बार कहा गया है कि एल्युमीनियम बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं होता है, लेकिन वहीँ इसे खाने पीने को लेकर बाकि धातुओं से बुरा ही माना गया है।