Average Screen Time for Kids: आपके बच्चे का स्क्रीन टाइम कितना है, इससे ज़्यादा हुआ तो घातक सकते हैं परिणाम

Average Screen Time for Kids: अगर आपके बच्चे का स्क्रीन टाइम यहाँ दिए गए मानक समय से ज़्यादा है तो इसके दूरगामी परिणाम काफी घातक हो सकते हैं। आइये जानते हैं इसके लिए सही समय क्या होना चाहिए।

Update:2024-02-15 11:30 IST

Average Screen Time for Kids (Image Credit-Social Media)

Average Screen Time for Kids: बच्चों के लिए मोबाइल और टेलीविज़न कितना नुकसानदायक है ये तो हम सभी अच्छे से जानते हैं लेकिन माता पिता किसी न किसी वजह से या मजबूरी में ही सही उन्हें इन चीज़ों को देखने की इजाज़त दे देते हैं आइये जानते हैं कि आपके बच्चे के लिए कितनी देर का स्क्रीन टाइम होना चाहिए।

कितना होना चाहिए आपके बच्चे का स्क्रीन टाइम

क्या आपके बच्चे हर कुछ मिनटों में फोन देखते हैं, गेम्स खेलते हैं और वीडियोस देखकर अपना समय बिताते हैं। वहीँ बड़े भी सोशल मीडिया पर काफी समय देते हैं और शाम को नेटफ्लिक्स पर नई सीरीज़ देखते हुए बिताते हैं? आपकी खुद की स्क्रीन टाइम आदतों को देखते हुए, जब आपके बच्चे वीडियोस देखना और गेम्स खेलना चाहते हैं, या फिर टीवी देखते हैं या टिकटॉक वीडियो देखना चाहते हैं, या अपने दोस्तों को घंटों तक टेक्स्ट करना चाहते हैं, ऐसे में आपको उन्हें रोकने में या उन्हें इसके लिए मना करने में काफी मुश्किल हो सकती है।

लेकिन बच्चों के लिए बहुत अधिक स्क्रीन टाइम निकट दृष्टिदोष (मायोपिया) से जुड़ा हो सकता है, जो आम होता जा रहा है, और इससे आंखों पर तनाव, गर्दन और कंधे में दर्द और सिरदर्द की उन्हें शिकायत भी हो सकती है।

उम्र के हिसाब से औसत स्क्रीन समय

आपके बच्चे मोबाइल या टी.वी देखने में कितना समय बिताते हैं या उनका स्क्रीन टाइम कितना होता हैं? आइये इसे इस लिस्ट के माध्यम से समझते हैं।

0 से 2 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए औसत स्क्रीन टाइम - प्रतिदिन 49 मिनट

2 से 4 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए औसत स्क्रीन टाइम- प्रतिदिन 2 से 2.5 घंटे

5 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए औसत स्क्रीन टाइम- प्रतिदिन 3 घंटे

8 से 12 वर्ष की आयु के किशोरों का औसत स्क्रीन टाइम - प्रतिदिन लगभग 5 घंटे

किशोरों के लिए औसत स्क्रीन टाइम- प्रतिदिन लगभग 7.5 घंटे

इन अनुमानों में ऐप्स, वीडियो गेम, टीवी और फिल्मों जैसे मनोरंजन पर बिताया गया समय शामिल है, लेकिन होमवर्क या अन्य शैक्षणिक गतिविधियों को करने में स्क्रीन पर बिताया गया समय शामिल नहीं है। चूँकि ये औसत हैं, आज की दुनिया में कई बच्चे इन अनुमानों से अधिक स्क्रीन टाइम बिता रहे हैं।

देर तक टी.वी या मोबाइल देखने का नतीजा ये होता है कि वो पढ़ाई पर सही से ध्यान नहीं देते उनके सोने और उठने की दिनचर्या सामान्य नहीं रहती साथ ही इसके दूरगामी परिणाम काफी घातक होते हैं। जहाँ कई बच्चों के मानसिक स्वास्थ पर इसका असर पड़ता है वहीँ कुछ बच्चों की आँखों की रोशनी पर इसका असर पड़ता है। इसके अलावा भी इसके कई साइड इफेक्ट्स देखने को मिल रहे हैं।  

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