Duniya Ka Sabse Mehnga Kutta: 50 करोड़ रुपये में शख्स ने खरीदा "वुल्फडॉग", जानें क्या होती है खासियत

Wolfdog In India: डॉग लवर तो आपने बहुत देखे होंगे, लेकिन बेंगलौर के एक व्यक्ति ने हाल ही में डॉग के प्रति अपनी दीवानगी के चलते कुछ ऐसा किया है, जिसने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा। आइए जानते हैं आखिर क्या है मामला।;

Written By :  Akshita Pidiha
Update:2025-03-22 11:38 IST

Duniya Ka Sabse Mehnga Kutta (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Duniya Ka Sabse Mehnga Kutta: डॉग प्रेमी तो कई देखे होंगे, लेकिन बेंगलुरु के एस सतीश की दीवानगी सबसे अलग है। हाल ही में उन्होंने एक डॉग खरीदा, जिसकी कीमत लाख-दो लाख नहीं, बल्कि पूरे 50 करोड़ रुपये है! यह सुनकर हैरान होना लाज़मी है। एस सतीश ने इस कुत्ते को खरीदने में 50 करोड़ रुपये खर्च कर दिए, जो उनकी डॉग्स के प्रति गहरी लगाव को दर्शाता है।

51 साल के एस. सतीश इस डॉग के नए मालिक हैं। उसका नाम कैडाबॉम्ब ओकामी है। सतीश ने दुर्लभ नस्लों का संग्रह करके सुर्खियां बटोरी हैं। एस. सतीश बेंगलुरु के फेमस डॉग ब्रीडर हैं। उनके पास 150 से अधिक विभिन्न नस्लें हैं। ओकामी को फरवरी में एक भारतीय ब्रोकर के माध्यम से बेचा गया था। सतीश इंडियन डॉग ब्रीडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा, 'यह डॉग की एक बहुत ही दुर्लभ नस्ल है और यह बिल्कुल एक भेड़िये की तरह दिखता है। इस नस्ल को पहले कभी बिक्री के लिए पेश नहीं किया गया है। यह डॉग असाधारण है और इसे संयुक्त राज्य अमेरिका में पाला गया था। मुझे डॉग पसंद हैं। मैं असामान्य डॉग्स का मालिक बनना और उन्हें भारत लाना चाहता हूं। इसलिए मैंने इस पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए।'

इस तरह अपने डॉग से पैसे कमाते हैं सतीश

सतीश ने इस नए डॉग को कई बड़े कार्यक्रमों में दिखाया है। जैसे कि फिल्म प्रीमियर। इसने कर्नाटक में सनसनी मचा दी है। सतीश के अनुसार, ओकामी के एक प्रीमियर में रेड कार्पेट पर चलने वाले वीडियो को ऑनलाइन लगभग 30 लाख बार देखा गया है। लोग इस डॉग को बहुत पसंद कर रहे हैं। सतीश डॉग की दुर्लभ नस्लों को दिखाकर पैसा कमाते हैं। अपने खास डॉग के साथ कार्यक्रमों में जाकर वह 30 मिनट के लिए 2.50 लाख रुपये से लेकर पांच घंटे के लिए 10 लाख रुपये तक कमाते हैं।

सतीश ने कहा कि वह डॉग्स के शौकीन हैं और अनोखी नस्लों को भारत में लाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास पहले से ही 150 से ज्यादा नस्लों के डॉग हैं। सतीश के मुताबिक, "मैंने इस डॉग को इसलिए खरीदा क्योंकि यह दुर्लभ नस्ल का है। इसके अलावा, लोग इसे देखने के लिए उत्सुक रहते हैं और सेल्फी व तस्वीरें लेते हैं।" उन्होंने कहा कि उनके डॉग्स को फिल्मी सितारों से भी ज्यादा लोकप्रियता मिलती है और वे भीड़ को आकर्षित करते हैं। एस सतीश का यह डॉग दुनिया का सबसे महंगा कुत्ता है, जिसकी कीमत 50 करोड़ रुपये है। इसकी दुर्लभ नस्ल, आकार और अनोखे लुक के कारण लोग इसे देखने के लिए आकर्षित होते हैं। सतीश का मानना है कि डॉग्स का शौक उनकी पहचान बन गया है और वे अपने कुत्तों के जरिए लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं।

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क्या है कैडाबॉम ओकामी?

कैडाबॉम ओकामी (Cadabomb Okami) एक दुर्लभ और बेहद खास नस्ल का डॉग है, जिसे "वुल्फडॉग" कहा जाता है। यह भेड़िये (Wolf) और कुत्ते (Dog) का क्रॉस ब्रीड है, जिससे इसमें भेड़िये जैसी ताकत और फुर्ती के साथ-साथ कुत्ते जैसी वफादारी और सामाजिकता भी पाई जाती है। कैडाबॉम ओकामी को हाल ही में भारत के बेंगलुरु के मशहूर डॉग ब्रीडर एस सतीश ने खरीदा, जिसकी कीमत करीब 50 करोड़ रुपये (5.7 मिलियन डॉलर) बताई जा रही है। यह डॉग संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मा है और मात्र आठ महीने का है। इसका वजन पहले ही 50 किलोग्राम से अधिक है और यह रोजाना 3 किलोग्राम कच्चा मांस खाता है।

वुल्फडॉग का इतिहास और उत्पत्ति

वुल्फडॉग की उत्पत्ति प्राकृतिक संकरण (Natural Hybridization) के कारण हुई। हजारों साल पहले भेड़ियों और कुत्तों के बीच प्रजनन से यह नस्ल अस्तित्व में आई। हालांकि, आधुनिक वुल्फडॉग को विशेष रूप से 19वीं सदी में यूरोप और अमेरिका में विकसित किया गया। 1890 के दशक में अमेरिकी ब्रीडर्स ने भेड़ियों और जर्मन शेफर्ड को क्रॉस ब्रीड किया, जिससे यह नस्ल बनी। वुल्फडॉग का मुख्य उद्देश्य था:-

सुरक्षा और गार्ड डॉग के रूप में उपयोग, शिकार में मदद करना। वुल्फडॉग को अमेरिकन केनेल क्लब (AKC) और यूनाइटेड केनेल क्लब (UKC) में मान्यता प्राप्त नहीं है, क्योंकि यह एक संकर नस्ल है।

कहां पाया जाता है वुल्फडॉग?

वुल्फडॉग मुख्य रूप से उत्तर अमेरिका, कनाडा, यूरोप और रूस में पाया जाता है। ये ज्यादातर ठंडे और बर्फीले इलाकों में देखे जाते हैं, जहां भेड़ियों की मौजूदगी अधिक होती है। इनका पालन विशेष फार्म और बड़े ब्रीडिंग केंद्रों में किया जाता है। कुछ देशों में वुल्फडॉग को पालतू जानवर के रूप में रखने पर प्रतिबंध भी है, क्योंकि इनमें जंगली भेड़ियों जैसे स्वभाव होते हैं। भारत में यह नस्ल बहुत दुर्लभ है और कैडाबॉम ओकामी इसी कारण चर्चा में है।

काकेशियन शेफर्ड मजबूत और रोएंदार होते हैं। वे जॉर्जिया, आर्मेनिया, अजरबैजान और रूस के कुछ हिस्सों जैसे ठंडे क्षेत्रों में पाए जाते हैं। ये अद्भुत गार्ड डॉग अक्सर भेड़ियों को पशुधन के झुंड से दूर रखने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। ये डॉग पहाड़ों पर भेड़ों और बकरियों की रक्षा करते हैं।

वुल्फडॉग की विशेषताएं

(क) शारीरिक विशेषताएं:

वुल्फडॉग का आकार और वजन सामान्य कुत्तों से काफी बड़ा होता है।ऊंचाई: 24 से 34 इंचवजन: 35 से 70 किलोग्राम (कुछ मामलों में इससे अधिक), रंग: ग्रे, ब्लैक, सिल्वर, व्हाइट और ब्राउन,आंखें: हल्की पीली या एम्बर रंग की, जो भेड़ियों जैसी होती हैं।इनकी पूंछ झबरीली और लंबी होती है.जबड़े बेहद मजबूत होते हैं, जिससे यह शक्तिशाली काटने की क्षमता रखते हैं।

(ख) स्वभाव और व्यवहार:

वुल्फडॉग में भेड़ियों की तरह संकोच और सतर्कता होती है, लेकिन कुत्तों जैसी वफादारी और सामाजिकता भी होती है।ये बहुत बुद्धिमान और फुर्तीले होते हैं।स्वभाव में ये अक्सर आरक्षित, सतर्क और कभी-कभी आक्रामक हो सकते हैं, खासकर अजनबियों के प्रति।यह अपने मालिक के प्रति वफादार और सुरक्षात्मक रहते हैं।इनका उपयोग अक्सर गार्ड डॉग और शिकार डॉग के रूप में किया जाता है।

वुल्फडॉग का खान-पान और देखभाल

वुल्फडॉग को सामान्य कुत्तों की तुलना में अधिक प्रोटीन युक्त भोजन की आवश्यकता होती है। कैडाबॉम ओकामी जैसे वुल्फडॉग को प्रतिदिन 3 किलोग्राम कच्चा मांस खिलाया जाता है। इसके आहार में मछली, चिकन, बीफ और पोर्क शामिल होते हैं। इन डॉग्स को स्वस्थ और फिट रखने के लिए नियमित व्यायाम और दौड़ आवश्यक है। बड़े बाड़े में रखना जरूरी होता है, ताकि इन्हें पर्याप्त स्पेस मिल सके। वुल्फडॉग को प्रशिक्षित करना आसान नहीं होता, इसके लिए विशेष ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है।

वुल्फडॉग की खासियत और चुनौतियां

वुल्फडॉग में भेड़िये की फुर्ती और ताकत होती है। ये बेहद तेज दौड़ने और शिकार करने में माहिर होते हैं। इनकी सूंघने की शक्ति बहुत अधिक होती है। ये गार्ड डॉग के रूप में बेहद उपयोगी होते हैं, क्योंकि ये अजनबियों के प्रति सतर्क रहते हैं। इनकी वफादारी और रक्षा क्षमता इन्हें खास बनाती है।

वुल्फडॉग को पालना आसान नहीं होता, क्योंकि इनमें भेड़ियों जैसी आक्रामकता और स्वच्छंदता होती है। इन्हें प्रशिक्षित करने में समय और धैर्य लगता है। इनका पालन बड़े और खुले स्थान में ही संभव है। कुछ देशों में वुल्फडॉग को पालने पर प्रतिबंध है, क्योंकि ये खतरनाक हो सकते हैं। इनके आक्रामक स्वभाव के कारण ये कभी-कभी पालतू जानवरों या बच्चों के लिए खतरा बन सकते हैं।

वुल्फडॉग का महत्व और लोकप्रियता

वुल्फडॉग को दुनिया भर में: गार्ड डॉग, शिकार डॉग और रक्षक डॉग के रूप में पाला जाता है। इनकी शक्ति, फुर्ती और वफादारी के कारण कई सुरक्षा एजेंसियां इनका उपयोग करती हैं। हाल के वर्षों में इनकी लोकप्रियता बढ़ी है और अमीर लोग इन्हें स्टेटस सिंबल के रूप में पालते हैं। भारत में कैडाबॉम ओकामी जैसे दुर्लभ वुल्फडॉग का आना डॉग प्रेमियों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गया है।

कैडाबॉम ओकामी, दुनिया का सबसे महंगा वुल्फडॉग, अपनी अनोखी नस्ल और दुर्लभता के कारण चर्चा में है। इसकी 50 करोड़ रुपये की कीमत इसे खास बनाती है। वुल्फडॉग अपने भेड़िये जैसे लुक, शक्ति और फुर्ती के कारण खास होते हैं। इनका पालन आसान नहीं होता, क्योंकि ये खुले स्थान, विशेष खान-पान और ट्रेनिंग की मांग करते हैं। कैडाबॉम ओकामी का भारत आना देश में डॉग प्रेमियों के बीच आकर्षण का विषय बन गया है और यह दुर्लभ नस्ल अब भारतीय बाजार में चर्चा का केंद्र बनी हुई है।

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