World Water Day 2025: विश्व जल दिवस का इतिहास, महत्त्व और जल संरक्षण के सतत प्रयास
History Of World Water Day: विश्व जल दिवस जल संरक्षण और सतत विकास के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है, जिससे जल संकट से निपटने और शांति स्थापित करने में मदद मिल सके।;
World Water Day 2025: जल, जीवन का मूल आधार है। पृथ्वी पर मौजूद समस्त जीव-जंतुओं, वनस्पतियों और मानव समाज के अस्तित्व के लिए जल अपरिहार्य है। लेकिन बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और जल के अनियंत्रित दोहन ने वैश्विक जल संकट को गंभीर बना दिया है। बदलते जलवायु परिवर्तन और घटते जलस्रोतों के कारण आज स्वच्छ एवं सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती बन चुकी है।
इन्हीं चुनौतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और जल संरक्षण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हर वर्ष 22 मार्च को 'विश्व जल दिवस' (World Water Day) मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य जल के महत्व को समझाना, जल संकट की समस्या पर वैश्विक चर्चा को बढ़ावा देना और जल संरक्षण के प्रभावी उपायों को अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करना है।
इस लेख में हम विश्व जल दिवस के इतिहास, इसकी थीम, महत्व और जल संरक्षण के प्रभावी उपायों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
विश्व जल दिवस का इतिहास (History Of World Water Day)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
जल संकट आज वैश्विक स्तर पर एक गंभीर समस्या बन चुका है। स्वच्छ जल की उपलब्धता दिनों-दिन घटती जा रही है, और इस चुनौती से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसी दिशा में, जल संरक्षण और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा 1993 में 'विश्व जल दिवस' (World Water Day) की शुरुआत की गई।
विश्व जल दिवस की शुरुआत (Beginning Of World Water Day)
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 22 दिसंबर 1992 को "संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण और विकास सम्मेलन" (UNCED) के दौरान रियो डी जनेरियो, ब्राजील में आयोजित एक बैठक में यह निर्णय लिया कि हर वर्ष 22 मार्च को 'विश्व जल दिवस' (Vishwa Jal Divas) के रूप में मनाया जाएगा। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण, जल संकट, स्वच्छ जल की उपलब्धता और जल प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर वैश्विक ध्यान आकर्षित करना था।
इसके बाद, 22 मार्च 1993 को पहली बार विश्व जल दिवस मनाया गया, और तब से हर वर्ष यह दिवस एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। इस दिवस के माध्यम से जल से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाती है और सरकारों, संगठनों और आम जनता को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाता है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र की 'जल के लिए कार्रवाई दशक (2018-2028)' के अंतर्गत भी आता है।
विश्व जल दिवस 2025 की थीम (Vishwa Jal Divas 2025 Theme)
हर साल संयुक्त राष्ट्र विश्व जल दिवस के लिए एक थीम निर्धारित करता है। वर्ष 2024 की थीम शांति के लिए जल (Water for Peace) है। इस थीम के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि जल संसाधनों के उचित प्रबंधन से संघर्षों को रोका जा सकता है और शांति को बढ़ावा दिया जा सकता है।
विश्व जल दिवस के प्रमुख आयोजन (Major Programs Of World Water Day)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
विश्व जल दिवस के अवसर पर विश्वभर में विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जिनका उद्देश्य जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और जल संकट के समाधान पर चर्चा करना होता है। ये आयोजन सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और आम नागरिकों की भागीदारी से होते हैं।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम
संयुक्त राष्ट्र हर वर्ष यूएन-वॉटर (UN-Water) के नेतृत्व में विश्व जल दिवस का आयोजन करता है। इसमें विभिन्न देशों की सरकारें, गैर-सरकारी संगठन (NGOs) और जल संरक्षण से जुड़े विशेषज्ञ शामिल होते हैं। इन कार्यक्रमों में प्रमुख रूप से निम्नलिखित गतिविधियाँ होती हैं:
• विशेष थीम की घोषणा: हर वर्ष जल दिवस के लिए एक विशेष थीम निर्धारित की जाती है।
• वैश्विक रिपोर्ट का विमोचन: "संयुक्त राष्ट्र विश्व जल विकास रिपोर्ट" (UN World Water Development Report) जारी की जाती है, जिसमें जल संसाधनों की वर्तमान स्थिति और भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा की जाती है।
• अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और वेबिनार: जल संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और जल संकट पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञों के साथ वैश्विक स्तर पर सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं।
भारत में जल संरक्षण कार्यक्रम
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
केंद्र सरकार और विभिन्न संगठनों द्वारा विश्व जल दिवस पर कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:-
• जल जागरूकता अभियान: स्कूलों, कॉलेजों और पंचायत स्तर पर जल संरक्षण से संबंधित जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।
• सेमिनार और कार्यशालाएँ: जल प्रबंधन, वर्षा जल संचयन और जल संकट के समाधान पर सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा कार्यशालाएँ आयोजित की जाती हैं।
• जल संरक्षण पहल: "जल शक्ति अभियान" और "जल जीवन मिशन" जैसे सरकारी कार्यक्रमों के तहत जल बचाने के नए उपायों पर चर्चा की जाती है।
पर्यावरण संगठनों और एनजीओ (NGO) द्वारा कार्यक्रम
• विभिन्न पर्यावरणीय संगठन और NGOs विश्व जल दिवस के अवसर पर स्वच्छता अभियान, नदी पुनर्जीवन परियोजनाएँ और जल संरक्षण कार्यशालाएँ आयोजित करते हैं।
• जल प्रदूषण और पानी की बर्बादी को रोकने के लिए स्वयंसेवकों द्वारा अभियान चलाए जाते हैं।
स्कूलों और कॉलेजों में जल दिवस कार्यक्रम
• निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता आयोजित की जाती हैं, जिनमें छात्र जल संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त करते हैं।
• वृक्षारोपण और वर्षा जल संचयन के प्रदर्शन किए जाते हैं, ताकि युवा पीढ़ी को जल संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके।
मीडिया और सोशल मीडिया पर जागरूकता अभियान
• टीवी, रेडियो और समाचार पत्रों में जल संरक्षण से जुड़ी रिपोर्टें और डॉक्यूमेंट्री प्रसारित की जाती हैं।
• सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर जल संरक्षण पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।
विश्व जल दिवस का महत्व (World Water Day Significance)
जल संरक्षण के प्रति जागरूकता: यह दिन लोगों को जल के महत्व और उसके सतत उपयोग के बारे में शिक्षित करता है।
जल संकट को कम करना: जल की बर्बादी को रोकने और जल स्रोतों की सुरक्षा के लिए नीतियाँ बनाने का अवसर प्रदान करता है।
सरकारों और संगठनों की भागीदारी: इस दिन विभिन्न सरकारें, गैर-सरकारी संगठन (NGOs) और उद्योग जगत जल संरक्षण के उपायों को बढ़ावा देते हैं।
सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति: यह दिवस संयुक्त राष्ट्र के 6वें सतत विकास लक्ष्य (स्वच्छ जल और स्वच्छता) को प्राप्त करने में मदद करता है।
जल से संबंधित शोध और तकनीकी विकास: इस अवसर पर वैज्ञानिक और शोधकर्ता जल शुद्धिकरण और जल पुनर्चक्रण (recycling) की नई तकनीकों पर चर्चा करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र और जल संरक्षण के प्रयास (United Nations Efforts For Water Conservation)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
संयुक्त राष्ट्र ने सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals - SDGs) के तहत छठे लक्ष्य (SDG 6) में "सभी के लिए स्वच्छ जल और स्वच्छता की उपलब्धता सुनिश्चित करना" निर्धारित किया है। इस लक्ष्य के तहत, संयुक्त राष्ट्र विभिन्न संगठनों और देशों के साथ मिलकर जल संसाधनों के सतत उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है।
इसके अलावा, जल संकट को दूर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने "यूएन वॉटर" (UN-Water) नामक एक संगठन भी स्थापित किया है, जो जल प्रबंधन और जल संरक्षण से संबंधित विभिन्न अभियानों का संचालन करता है।
विश्व जल दिवस की वार्षिक थीम (Annual Theme of World Water Day)
हर साल, विश्व जल दिवस एक खास थीम (Theme) के साथ मनाया जाता है, जो उस वर्ष जल से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर केंद्रित होती है। कुछ प्रमुख वर्षों की थीम इस प्रकार रही हैं:-
1994:- ‘देखभाल के साथ जल’(Caring for Our Water)
2003:- ‘भूजल अदृश्य संसाधन’ (Water for the Future)
2010:- ‘स्वच्छ जल के लिए स्वच्छता’(Clean Water for a Healthy World)
2015:- ‘जल और सतत विकास’(Water and Sustainable Development)
2020:- ‘जल और जलवायु परिवर्तन’(Water and Climate Change)
2023:- त्वरित परिवर्तन करें - जल संकट को हल करें’ (Accelerating Change to Solve the Water Crisis)
भारत में जल संकट और जल संरक्षण के उपाय (Water Crisis and Water Conservation Measures in India)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
भारत में जल संकट एक गंभीर समस्या बन चुका है। तेजी से घटते भूजल स्तर, जल स्रोतों का दूषित होना और जल की बर्बादी मुख्य चिंताएँ हैं। भारतीय कृषि, उद्योग और घरेलू उपयोग के लिए जल की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में जल संरक्षण के लिए निम्नलिखित उपाय आवश्यक हैं:
वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting):- छत पर वर्षा जल संचयन की व्यवस्था करें। गाँवों और शहरों में जलाशयों का निर्माण किया जाए।
जल पुनर्चक्रण (Water Recycling):- घरेलू और औद्योगिक स्तर पर अपशिष्ट जल को पुनः उपयोग में लाने की तकनीक अपनाई जाए। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STP) का निर्माण किया जाए।
जल-संरक्षण तकनीक का उपयोग:- ड्रिप सिंचाई (Drip Irrigation) और स्प्रिंकलर प्रणाली अपनाकर खेती में जल की बचत करें। पानी की पाइपलाइन में लीकेज को रोका जाए।
नदियों और तालाबों की सफाई:- नदियों में कचरा और औद्योगिक अपशिष्ट डालने पर प्रतिबंध लगाया जाए। गंगा, यमुना जैसी नदियों के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियानों में भागीदारी करें।
लोगों को जागरूक बनाना:- विद्यालयों और कॉलेजों में जल संरक्षण पर कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँ। जल बचाने के लिए सोशल मीडिया और अन्य संचार माध्यमों का उपयोग करें।
भारत में जल संरक्षण से जुड़े सरकारी प्रयास
भारत सरकार ने जल संकट की गंभीरता को देखते हुए कई योजनाएँ और अभियान शुरू किए हैं, जो जल संरक्षण, जल प्रबंधन और स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं। निम्नलिखित प्रमुख सरकारी प्रयास जल संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं:
जल शक्ति अभियान (Jal Shakti Abhiyan – 2019 ):- यह अभियान वर्षा जल संचयन और जल स्रोतों के संरक्षण पर केंद्रित है। इसके तहत जल संसाधनों के पुनर्भरण, पारंपरिक जल स्रोतों के पुनर्जीवन और जल संरक्षण तकनीकों को बढ़ावा दिया जाता है।
नमामि गंगे योजना (Namami Gange Programme – 2014):- गंगा नदी की सफाई और पुनर्जीवन के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई थी। इसके तहत गंगा और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण को कम करने और जल गुणवत्ता में सुधार लाने पर जोर दिया जाता है।
अटल भूजल योजना (Atal Bhujal Yojana – 2019):- यह योजना भूजल स्तर में गिरावट की समस्या को हल करने के लिए शुरू की गई थी। इसमें सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से भूजल प्रबंधन को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY- 2015):- इस योजना का उद्देश्य "हर खेत को पानी" (Har Khet Ko Pani) के सिद्धांत पर काम करते हुए जल संसाधनों के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करना और किसानों को जल संरक्षण तकनीकों से जोड़ना है।
ग्रामीण जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission Rural – 2019):- इस मिशन के तहत प्रत्येक ग्रामीण घर को पाइप के माध्यम से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें जल स्रोतों के संरक्षण और सतत जल प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया है।
स्मार्ट सिटी मिशन (Smart Cities Mission – 2015):- इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में जल आपूर्ति, जल निकासी और जल पुनर्चक्रण (Water Recycling) जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया जाता है।
राज्य सरकारों द्वारा जल संरक्षण प्रयास (State Government Efforts)
भारत के विभिन्न राज्यों ने भी जल संरक्षण के लिए कई पहल की हैं, जैसे:-
सुजलाम सुफलाम अभियान (गुजरात) :- जल संरक्षण और जलाशयों के पुनर्भरण पर केंद्रित।
जल स्वावलंबन अभियान (राजस्थान) :- सूखाग्रस्त क्षेत्रों में जल संरक्षण की पहल।
महाराष्ट्र जलयुक्त शिवार योजना :- कृषि क्षेत्रों में जल प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए।